एमसीएक्स ने कहा कि दिसंबर 2018 और उसके बाद में एक्सपायरी वाले सभी गोल्ड व गोल्ड मिनी कंट्रैक्ट्स के लिए इन अतिरिक्त डिलीवरी केंद्रों से डिलीवरी और संशोधित डिलीवरी व सेटलमेंट की प्रक्रिया लागू होगी।
एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक व सीईओ मृगांक परांजपे ने कहा, “यह मुख्य रूप से बुलियन और ज्वेलरी उद्योग के हित में लिया गया फैसला है, जिससे छोटे और मझौले वर्ग आभूषण कारोबारियां को संगठित हेजिंग व डिलीवरी की मुख्यधारा से जोड़ने की हमारी कोशिशों को बल मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि इससे भागीदारी बढ़ेगी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के पीछे सरकार के दर्शन को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही, देशभर में एक कीमत प्राप्त करने में मदद मिलेगी।