मानसून पर निर्भर बाजार, चीन में मंदी का खतरा
Published: Jun 29, 2015 09:05:00 am
इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल मुख्य तौर पर ग्रीस संकट के साथ ही चीन
के बाजारों पर टिकी हुई रहेगी
मुंबई। शेयर बाजारों में सप्ताहभर भारी उठापठक देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स ने 495 अंक का उछाल आया वहीं एनएसई निफ्टी ने भी 8224.95 की तुलना में 156 अंकों की तेजी के साथ 8381.10 अंक पर आ गया। वैश्विक संकेतों के साथ ही ग्रीस संकट के चलते निवेशकों का रूझान बिकवाली का रहा। हालांकि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जून माह में निवेश बढ़ाया है।
इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल मुख्य तौर पर ग्रीस संकट के साथ ही चीन के बाजारों पर टिकी हुई रहेगी। शनिवार को चीन का बाजार गिरावट पर रहा है। पिछले दो सप्ताह में शंघाई कम्पोजिट 20 फीसदी तक लुढ़क चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रीस संकट पर यदि कोई हल नहीं निकल पाता है तो बाजारों में गिरावट आ सकती है। मानसून की दशा भी बाजार को दिशा देगी।
मानसून की दिशा के साथ ही वैश्विक स्तर पर ग्रीस संकट पर वैश्विक स्थिति निवेशकों का रूझान तय करेगी। वैश्विक संस्थागत निवेशकों ने जून माह में भारतीय बाजारों में निवेश बढ़ाया है, हालांकि निवेशकों का रूझान अभी-भी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा जून माह के ऑटो विक्रय के आंकड़े भी इसी सप्ताह आएंगे। इसके अलवा 30 जून को रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच होने वाली बैठक भी महत्वपूर्ण रहेगी। छोटे निवेशकों को फिलहाल बाजार में संभलकर निवेश करना चाहिए। इस सप्ताह शेयर बाजारों में बैंकिंग सेक्टर के साथ ही वित्तीय संस्थानों के शेयरों में उतार चढ़ाव संभव है।
चीन में मंदी का खतरा
पिछले 12 माह में चीन का शंघाई कम्पोजिट दुनिया का सबसे अधिक रिटर्न देने वाला बाजार रहा है, लेकिन पिछले दो सप्ताह में यहां के बाजार के जो हालात बन रहे हैं उससे यहां मंदी का साया गहराता दिख रहा है। शंघाई कम्पोजिट पिछले दो सप्ताह में 20 फीसदी से अधिक टूट चुका है। शनिवार को भी यह इंडेक्स 7 फीसदी टूटा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन की विकास दर में गिरावट आ रही है साथ ही यहां का औद्योगिक उत्पादन और निर्यात भी घट रहा है।