scriptऐसे छोटे भाई को दिवालिया होने से बचाएंगे मुकेश अंबानी | Mukesh Ambani will save younger brother anil ambani from bankruptcy | Patrika News

ऐसे छोटे भाई को दिवालिया होने से बचाएंगे मुकेश अंबानी

locationनई दिल्लीPublished: Aug 04, 2018 01:27:30 pm

Submitted by:

manish ranjan

कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कम्पनी का ओहदा रखने वाली आरकॉम इस समय बुरी तरह से कर्ज के संकट से जूझ रही है।

anil ambani

ऐसे छोटे भाई को दिवालिया होने से बचाएंगे मुकेश अंबानी

नई दिल्ली। कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी का ओहदा रखने वाली आरकॉम इस समय बुरी तरह से कर्ज के संकट से जूझ रही है। इस पर करीब 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। लेकिन अब दिवालिया होना की तरफ बढ़ रही रिलायंस आरकॉम के लिए एक अच्छी खबर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी की जियो और अनिल अंबानी की आरकॉम के बीच होने वाली डील को अपनी मंजूरी दे दी है। लेकिन इससे पहले अनिल अंबानी की कंपनी को एरिक्‍सन को तय सीमा के भीतर सेटलमेंट की रकम चुकानी होगी।


जियो के साथ आरकॉम की डील

अनिल अंबानी आरकॉम के वॉयरलैस एसैट्स को अपने बड़े भाई मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली जियो इन्फोकॉम को 18,000 करोड़ में बेचना चाहते थे। लेकिन इस फैसले का विरोध करते हुए एरिक्‍सन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल (NCLT) में अपील दायर किया था। मगर अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से आरकॉम के शेयर में 14.96% फीसदी का उछाल देखा गया है।

आरकॉम पर 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज

कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कम्पनी रही आरकॉम इस समय बुरी तरह से कर्ज के संकट से जूझ रही है। इस पर करीब 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। जियो की मार्कीट में एंट्री के बाद शुरू हुए कड़े कम्पीटीशन के सामने कम्पनी टिक नहीं पाई और इसे 2017 के आखिरी तक अपना वायरलैस बिजनैस बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

एरिक्‍सन ने किया था केस

दरअसल आरकॉम ने स्वीडन की कंपनी एरिक्‍सन के साथ 2014 देशभर में टॉवर के मेंटीनेंस की 7 साल के लिए डील की थी। घटते रेवेन्‍यू के चलते एरिक्‍सन का आरकॉम पर करीब 978 करोड़ रुपए बकाया है, जो अब बढ़कर 1,600 करोड़ रुपए हो गया है। इसलिए ही आरकॉम के खिलाफ बैंकरप्सी के लिए स्वीडन के टैलीकॉम इक्विपमैंट मेकर एरिक्सन ने एन.सी.एल.टी. का दरवाजा खटखटाया था। एरिक्सन की ओर से 3 याचिकाएं दायर की गई थीं और तीनों को एन.सी.एल.टी. ने स्वीकार कर लिया। इसी की वसूली के लिए स्वीडिश कम्पनी ने यह याचिका दायर की थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो