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शादी करने पर लगेगा जीएसटी का झटका, जानिए कैसे

locationनई दिल्लीPublished: Oct 02, 2017 03:53:18 pm

Submitted by:

manish ranjan

सरकार ने एक अगस्त से टेंट, हलवाई जैसी सेवाओं पर भी जीएसटी लागू कर दिया है। इसके बाद अब आपको इनकी बुकिंग के बाद 18 फीसदी का टैक्स चुकाना पड़ेगा।

Wedding season

नई दिल्ली। आने वाले शादी सीजन मे अब आपको दावत देने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। सरकार ने एक अगस्त से टेंट, हलवाई जैसी सेवाओं पर भी जीएसटी लागू कर दिया है। इसके बाद अब आपको इनकी बुकिंग के बाद 18 फीसदी का टैक्स चुकाना पड़ेगा। और इस तरह आपको आने वाले शादी के सीजन में राज्य एवंं केन्द्र सरकारों को भी शगुन देना पड़ेगा। अभी हाल ही भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह ने जीएसटी पर मजाक करते हुए कहा था, जब रेस्त्रां में खाने के बाद बिल देना पड़ता है तो लगता है आपके साथ केन्द्र और राज्य सरकार ने भी खाना खाया है।

इसके पहले ऐसे चलता था ये बिजनेस

जीएसटी लागू होने के पहले कैटरिंग और टेंट के बिजनेस में जीएसटी नहीं देना पड़ता था। बस स्टॉक में पड़ेे माल पर साल में एक बार वैट का 6 फीसदी कम्पाउंडिंग फीस दी जाती थी। जो की लगभग 5 लाख के माल पर 15 हजार रुपया होता था। इसे व्यापारी अपने ग्राहकों से नहीं वसूलते थे। लोग पक्के बिल से बचने के लिए कच्चे बिल पर ही अपना काम चला लेते थे। ऐसे ही एक व्यापारी संगठन का कहना है कि, टेंट बुकिंग का काम अब तक कच्चे बिल पर चलता था। अब क्रेडिट लेने के लिए हमें पक्के बिल ही काटने होंगे। ऐसे में टैक्स का सारा बोझ ग्राहकों को ही उठाना होगा। हम सरकार से मांग कर रहे हैं जीएसटी की जगह कम्पाउंडिंग फीस ही लिया जाए।


कैटरिंग बिजनेस से जीएसटी हटाने की उठने लगी मांग

कैटरिंग व्यवस्था की बात करें तो इसमें 40 फीसदी कम पर कोई टैक्स नहीं लगता था जिसमेंं दिहाड़ी मजदूर भी शामिल थे। बाकी के बचे 60 फीसदी पर हर मद में 10 फीसदी का औसत टैक्स लगाया जाता था। लेकिन अब सरकार ने इसे खत्म करके पूरे कैटरिंग बिजनेस पर एकमुश्त 18 फीसदी का जीएसटी लगाने को फैसला लिया है। ऐसे में दावत देने के लिए अब आपको जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। ऐसे में करोबारियों के लिए भी उधार देने में अब सोचना पड़ेगा। इसको लेकर कई टेंट एसोसिएशन ने जीएसटी हटाने की मांग की है। इनका कहना है कि, टेंट बिजनेस एक मजदूर प्रधान बिजनेस है, जो पूंजी की तुलना में ज्यादा रोजगार पैदा करता है। यदि जीएसटी हटाना संभव नहीं है तो इसे कम करके 5 फीसदी किया जाएगा।

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