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कारोबारियों ने बताया कि खपत के मुकाबले आवक कम होने के कारण प्याज के दाम में वृद्धि हो रही है। शुक्रवार को आजादपुर मंडी में प्याज की आवक 1,045.6 टन थी, जबकि दिल्ली में प्याज की रोजाना खपत तकरीबन 2,000 टन है। सरकार ने प्याज की महंगाई को थामने के लिए 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है, मगर दिल्ली के आजादपुर मंडी के कारोबारी और ओनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के आंकड़ों पर विश्वास करें तो देश में तकरीबन 50,000-60,000 टन रोजाना प्याज की खपत होती है। ऐसे में 1.2 लाख टन प्याज विदेशों से आने पर यह महज दो दिनों की खपत के बराबर होगी।
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उन्होंने बताया दिल्ली में ही प्याज की रोजाना की खपत इस समय करीब 2,000 टन है, लेकिन इतनी आपूर्ति नहीं होने से दाम बढऩा स्वाभाविक है। कृषि विशेषज्ञ विजय सरदाना ने बताया कि देश में प्याज के भंडारण की समुचित व्यवस्था नहीं होने से बीते सीजन का प्याज खराब हो गया, वहीं मौसम की मार से नई फसल खेतों में बर्बाद हो गई, जिस कारण प्याज का टोटा बना हुआ है।
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सरदाना की मानें तो इस समय करीब 10 लाख टन प्याज आयात करने की जरूरत है और इतने बड़े परिमाण में प्याज आयात किया जाना मुश्किल है, क्योंकि इतना प्याज विदेशों में कहीं उपलब्ध नहीं होगा। गौरतलब है कि सरकार मिस्र, तुर्की, हॉलैंड व दूसरे देशों से प्याज मंगाने की कोशिश कर रही है और एमएमटीसी ने मिस्र से प्याज आयात के अनुबंध भी किए हैं और मिस्र से 6,090 टन प्याज की खेप अगले महीने देश में आने वाली है।