scriptविदेशी बाजारों के मुकाबले सस्ता हुआ भारत में प्याज, आयात की संभावना हुई कम | Onion in India cheaper than foreign markets, import possibility reduce | Patrika News

विदेशी बाजारों के मुकाबले सस्ता हुआ भारत में प्याज, आयात की संभावना हुई कम

locationनई दिल्लीPublished: Dec 18, 2020 04:27:13 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

देश के बाजारों में इस समय प्याज का थोक भाव 15 रुपए से 25 रुपए
विदेशों से आयातित प्याज का लैंडिंग कॉस्ट 45 रुपए प्रति किलो पड़ेगा

Onion prices will come down only after coming from abroad in bhilwara

Onion prices will come down only after coming from abroad in bhilwara

नई दिल्ली। कुछ सप्ताह पहले तक बेकाबू प्याज की महंगाई ने देश के उपभोक्ताओं के खूब आंसू निकाले, मगर अब दुनिया के बाजारों के मुकाबले भारत में प्याज काफी सस्ता हो गया है। इसलिए फिलहाल आयात की गुंजाइश नहीं दिखती है। जबकि भारत सरकार ने प्याज आयात के नियमों में दी गई ढील को अगले साल 31 जनवरी तक बढ़ा दिया है। कारोबारियों की मानें तो आयात की अब कोई जरूरत नहीं है क्योंकि विदेशों में प्याज भारतीय बाजार के मुकाबले काफी महंगा है जिससे आयात की कोई गुंजाइश नहीं बची है।

आयातित प्याज लैंडिंग कॉस्ट होगी ज्यादा
हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह के अनुसार विदेशों से इस समय प्याज का आयात रूक गया है क्योंकि आयातित प्याज का लैंडिंग कॉस्ट 45 रुपए प्रति किलो पड़ेगा जबकि देश के बाजारों में इस समय प्याज का थोक भाव 15 रुपए से 25 रुपए के बीच है। उन्होंने कहा कि ऐसे में प्याज आयात की कोई गुंजाइश नहीं है। साथ ही, भाव काफी घट गया है और घरेलू आवक लगातार बढ़ रही है इसलिए आयात की जरूरत भी नहीं है।

यह भी पढ़ेंः- किसान आंदोलन के बीच आलू हुआ 4 रु किलो, एक महीने में 81 फीसदी दाम गिरे

सस्ता हुआ प्याज
एशिया में फलों और सब्जियों की सबसे बड़ी दिल्ली की आजादपुर मंडी में बीते तीन दिनों से प्याज का थोक भाव 7.50 रुपए से 27.50 रुपए प्रति किलो है जबकि औसत भाव 18.50 रुपए प्रति किलो है। आजादपुर मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि आयातित प्याज अब मंडी में नहीं आ रहा है क्योंकि घेरलू आवक ही काफी बढ़ गई है।

विदेशी प्याज में जायका नहीं
दिल्ली के मॉडल टाउन के खुदरा सब्जी विक्रेता अशोक कुमार ने बताया कि विदेशी प्याज जब आया था तो भी लोग देसी प्याज की ही मांग कर रहे थे क्योंकि देसी प्याज में जो जायका है वह विदेशी प्याज में नहीं मिलता। अजित शाह ने भी बताया कि जायका भी एक कारण है जिसके कारण भारत में विदेशी प्याज लोग कम पसंद करते हैं। हालांकि कारोबारी बताते हैं कि अक्टूबर-नवंबर में जब प्याज का दाम आसमान चढ़ गया था तब प्याज का आयात होने से ही दाम पर लगाम लगी।

यह भी पढ़ेंः- 12 साल के बाद शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ी रिकवरी, सेंसेक्स 90 फीसदी उछला

आयात नियमों में ढील
बता दें कि प्याज के दाम को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज निर्यात पर रोक लगाने के साथ-साथ प्याज के आयात के लिए 31 अक्तूबर को वनस्पति संगरोध आदेश (पीक्यू) 2003 के तहत फाइटोसैनिटरी प्रमाणन के संबंध में अतिरिक्त घोषणा से 15 दिसंबर तक के लिए छूट दे दी थी जिसे अब बढ़ाकर 31 जनवरी तक कर दिया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को देखते हुए प्याज आयात नियमों में दी गई ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो