विदेशी इक्विटी में लिस्टिंग से बाबा ने किया था इन्कार
इसपर उन्होंने आगे कहा कि देश में यदि कर्इ सुविधाएं दी जाती हैं तो बहुत भारत उत्पादन क्षेत्र में दुनिया के लिए एक नजीर पेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि कर्इ क्षेत्रों आैर इंडस्ट्री में फिलहाल संकट की स्थिति है, एेसे में बैंकों को उनकी मदद करनी चाहिए। इसके पहले अक्टूबर माह में बाबा रामदेव ने कहा था कि वो विदेशी इक्विटी में पतंजलि आयुर्वेद की लिस्टिंग नहीं कराना चाहते हैं। पतंजलि एक चैरिटेबल फर्म है।
देश की नंबर एक एफएमसीजी सेक्टर कंपनी बनना चाहती पतंजलि आयुर्वेद
बैंकों द्वारा आैद्योगिक क्षेत्र को मदद न करने पर बाबा रामदेव ने भगौड़ा शराब कारोबारी विजय माल्य की तरफ इशारा करते हुए कहा, “बैंकों को मदद करते समय सतर्क भी रहना चाहिए। उन्होंने सही से परखकर केवल जरूरतमंद उद्योगों की ही मदद करनी चाहिए।” बताते चलें कि पतंजलि आयुर्वेद देश के एफएमसीजी सेक्टर में हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को पछाड़कर नबंर एक की कुर्सी पर काबिज होना चाहती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 तक ये लक्ष्य हासिल करने का फैसला लिया है।
Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business news in hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।