Coronavirus: ओडिशा विधानसभा 29 मार्च तक स्थगित, शिक्षा संस्थान 31 तक बंद अधिसूचना के अनुसार- शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क 2 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया गया। वहीं, 1 रुपया प्रति लीटर रोड और इंफ्रा सेस लगाया गया है। सरकार के इस फैसले के बाद देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 3 रुपए प्रति लीटर वृद्धि हो गई है।
इसलिए लिया फैसला जानकारों के अनुसार- सरकार अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कम हुई तेल कीमतों का लाभ लेना चाहती है। इससे अर्थव्यवस्था में आई कमजोरी से जूझ रही सरकार को अतिरिक्त धन जुटाने में सहायता मिलेगी। हालांकि, देखना यह होगा कि हाल ही में तेल की कीमतों में मामूली कटौती कर रहीं तेल कंपनियां इस बढ़ोत्तरी का बोझ ग्राहकों पर डालेंगी या नहीं।
उन्नाव रेप केस: पीड़िता के पिता की हत्या के दोष में कुलदीप सेंगर को 10 साल कैद पेट्रोल टैक्स से राज्य सरकारें भी जुटाती हैं पैसा नियमों के अनुसार- एक लीटर पेट्रोल की कीमत में से करीब आधा पैसा टैक्स के रूप में सरकारों को जाता है। इसके बाद वैट लगाया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में 6% से 39% तक है। यह पैसा सरकार अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में लगाती है। साल 2014 से 2016 के बीच कच्चे तेल के दाम तेजी से गिरने पर सरकार ने आम लोगों फायदा देने के बजाय एक्साइज ड्यूटी के रूप में पेट्रोल-डीजल के जरिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स वसूला था। इसी तरह राज्य सरकारें भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाकर अपनी आमदनी बढ़ाती हैं।