अपनी कुल खपत का 80 फीसदी मांग आयात से पूरी करता है भारत
दरअसल, भारत अपनी तेल की खपत की 80 फीसदी जरूरतों की पूर्ति आयात से करता है, इसलिए पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में चढ़ाव-उतार के अनुसार तय होता है। बीते सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज ( ICE ) पर ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध का भाव एक दिन पहले के मुकाबले करीब एक डॉलर यानी 1.46 फीसदी तेजी के साथ 70.41 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि कारोबार के दौरान 70.48 डॉलर प्रति बैरल का ऊंचा स्तर रहा।
ओपेके द्वारा कटौती के बाद कच्चे तेल में लगातार आ रही तेजी
इससे पहले 12 नवंबर, 2018 को ब्रेंट क्रूड का भाव 71.88 डॉलर तक उछलने के बाद 70.12 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। हालांकि 26 दिसंबर, 2018 को ब्रेंट क्रूड का भाव लुढ़ककर 49.93 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया। अमरीका लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट ( Wti ) का मई डिलीवरी अनुबंध बीते शुक्रवार को पिछले सत्र के मुकाबले 1.17 डॉलर यानी 1.88 फीसदी तेजी के साथ 63.27 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जोकि नवंबर के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
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