चरणबद्घ तरीके से लिया जाएगा फैसला
मौजूदा समय में पेट्रोल-डीजल, क्रुड आॅयल, नेचुरल गैस, आैर एविएशन टर्बाइन फ्यूल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। फिलहाल राज्यों को इसपर वैल्यू एेडेड टैक्स (वैट) लगाने की छूट है। अधिया ने कहा कि जीएसटी को लेकर हमारे पास कर्इ सिफारिशें है जिसपर हम चरणबद्घ तरीके से फैसले लेंगे। नागर उड्डयन मंत्रालय ने भी एविएशन टर्बाइन फ्यूल के बढ़ते दाम को लेकर चिंता व्यक्त की है। बढ़ते फ्यूल के वजह से विमान आॅपरेशन में भी लागत में इजाफा देखने को मिल रहा है जिसका असर अंततः यात्रियों को महंगे किराए के रूप में उठाना पड़ रहा है। इसके पहले नागर उड्डयन मंत्रालय ने इस विषय पर वित्त मंत्रालय को भी एक पत्र लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि जेट फ्यूल को इंडायरेक्ट टैक्स के अंतर्गत लाया जाए जिसमें फुल इनपुट टैक्स क्रेडिट की भी सुविधा हो।
वित्त मंत्रालय ने जाहिर किया प्रकृतिक गैस आैर एयर ट्रैफिक फ्यूल जीएसटी में अंतर्गत लाने की मंशा
वित्त मंत्रालय ने भी कर्इ मौके पर प्रकृतिक गैस आैर एयर ट्रैफिक फ्यूल (एटीएफ) अपनी मंशा जाहिर कर चुका है कि जल्द से जल्द इसे वस्तु एवं सेवा कर अंदर लाएगा। अधिया ने कहा कि हमने बहुत कुछ किया है लेकिन इसका बिल्कुल भी ये मतलब नहीं है कि हमारे पास आैर सुधार का स्कोप नहीं है। हमें इस बात पर पूरा विश्वास है कि हमने बहुत कुछ किया है आैर हम आैर भी अधिक बेहतर कर सकते हैं। आपको बता दें माैजूदा समय में जीएसटी के तहत चार टैक्स स्लैब हैं। ये स्लैब 5, 12, 18, आैर 28 फीसदी की है। नंवबर 2017 में जीएसटी काउंसिल 178 वस्तुआें को 28 फीसदी जीएसटी के दायरे से निकालकर 18 फीसदी के दायरे में रखा गया है।