ये बात तो अब साफ हो गई है फ्री मार्केट के नाम पर सरकार पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत तय करने मे अब दखल देना नहीं चाहती हैं। लेकिन सरकार के टैक्स बढ़ाने से लोगो तक पहुंचने वाला मुनाफा सरकार के खजाने मे जा रहा है। इसके पहले जीएसटी लागू होने के समय केन्द्र और राज्य सरकारों ने मिलकर पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा।
शुरू किया गया था डायनैमिक प्राइसिंग सिस्टम
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों मे होने वाला यह बढ़ोतरी रातो रात नहीं हुआ है। सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करने के लिए डायनैमिक प्राइसिंग सिस्टम शुरू किया गया था। इसके तहत पेट्रोलियम उत्पादों के लिए प्रति दिन मूल्यांकन व्यवस्था हुआ ताकि कीमत में अचानक से उछाल न आए। एक जुलाई से 12 सितंबर के बीच पेट्रोल की कीमत में 5.18 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।
कितना लगता है अभी टैक्स
मौजूदरा सरकार से पहले साल 2014 मे पेट्रोल पर लगने वाला टैक्स 34 फीसदी था जबकि डीजल पर 21.5 फीसदी टैक्स था। लेकिन जुलाई 2017 मे अब पेट्रोल पर लगने वाला टैक्स बढक़र 58 फीसदी तो वहीं डीजल पर लगने वाला टैक्स 50 फीसदी हो गया है। बाकी देशों की तुलना मे हमारी सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलती है।
भातर और पड़ोसी देशों में पेट्रोल के दाम मे कितना हैं अंतर
भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो पेट्रोल की कीमतो के मामले मे भारत सबसे आगे हैं। भारत के सभी पड़ोसी तुलना में अफगानिस्तान मे प्रति लीटर पेट्रोल का दाम 41.15 रुपए है। वहीं पाकिस्तान से हर मायने मे बेहतर होने के बावजूद भी पेट्रोल की कीमतों के मामले में पाकिस्तान भारत से काफी आगे है। मौजूदा समय मे पाकिस्तान मे एक लीटर पेट्रोल के लिए 42.54 रुपए देना होता है। तीसरे नंबर पर श्रीलंका है जहां पेट्रोल की कीमत 63.72 पैसे है। नेपाल, चीन, भूटान, चीन, बांग्लादेश जैसे देशों मे प्रति लीटर पेट्रोल के लिए क्रमश: 61.35, 62.20, 64.42 और 69.46 रुपए अदा करना पड़ता है।
देश | कीमत (रुपए में) |
अफगानिस्तान | 41.15 |
पाकिस्तान | 42.54 |
श्रीलंका | 53.72 |
नेपाल | 61.30 |
भूटान | 62.20 |
चीन | 64.42 |
बांग्लादेश | 69.46 |
भारत | 70.43 |