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मार्च माह में 2.86 फीसदी पर पहुंची खुदरा मुद्रास्फिति दर, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी रही वजह

locationनई दिल्लीPublished: Apr 12, 2019 08:30:21 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।
खुदरा मुद्रास्फीति अब करीब आठ माह से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर चार प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर 3.5 से 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

Retail Inflation

मार्च माह में 2.86 फीसदी पर पहुंची खुदरा मुद्रास्फिति दर, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी रही वजह

नई दिल्ली। खाद्य वस्तुओं तथा ईंधन के दाम बढऩे से देश में खुदरा मुद्रास्फीति की दर मार्च महीने में मामूली बढ़कर 2.86 प्रतिशत पर पहुंच गई। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति एक महीना पहले फरवरी में 2.57 प्रतिशत रही थी जबकि एक साल पहले मार्च में यह 4.28 प्रतिशत पर थी।


खुदरा मुद्रास्फीति अब करीब आठ माह से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर चार प्रतिशत के दायरे में बनी हुई है। जुलाई, 2018 में यह 4.17 प्रतिशत रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च महीने में खाद्य वस्तु समूह की मुद्रास्फीति बढ़कर 0.3 प्रतिशत हो गई जो कि फरवरी में 0.66 प्रतिशत घटी थी। ईंधन और प्रकाश श्रेणी में भी मुद्रास्फीति बढ़ी। मार्च में ईंधन और प्रकाश खंड में मुद्रास्फीति बढ़कर 2.42 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 1.24 प्रतिशत थी।


फलों और सब्जियों में मार्च में क्रमश: 5.88 प्रतिशत और 4.90 प्रतिशत की गिरावट रही। अनाज और उत्पादों में मुद्रास्फीति घटकर 1.25 प्रतिशत रह गई, जो पिछले महीने 1.32 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को घटाकर 2.9 से 3 प्रतिशत कर दिया है। खाद्य वस्तुओं तथा ईंधन कीमतों में कमी तथा वर्ष के दौरान सामान्य मानसून की उम्मीद के बीच केंद्रीय बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को कम किया।


वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी छमाही के लिए रिजर्व बैंक ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर 3.5 से 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा करते समय खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है। इसी महीने पेश चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो दर को चौथाई प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत कर दिया।

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