scriptचुनावी नतीजों से पहले मोदी के लिए एक आैर परेशानी, उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 1.5 फीसदी लुढ़का रुपया | Rupee Plunges against dollar after urjit patel resigns | Patrika News

चुनावी नतीजों से पहले मोदी के लिए एक आैर परेशानी, उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 1.5 फीसदी लुढ़का रुपया

locationनई दिल्लीPublished: Dec 11, 2018 11:17:12 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

डाॅलर के मुकाबले भारतीय रुपए में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे की वजह से घरेलू शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखने को मिल रहा है। मंगलवार को डाॅलर के मुकाबले रुपया 72.30 के स्तर खुला।

Rupee vs Dollar

उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद 1.5 फीसदी लुढ़का रुपया, जानिए ये चार प्रमुख बातें

नर्इ दिल्ली। डाॅलर के मुकाबले भारतीय रुपए में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआर्इ) के गवर्नर उर्जिट पटेल के इस्तीफे की वजह से घरेलू शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखने को मिल रहा है। मंगलवार को डाॅलर के मुकाबले रुपया 72.30 के स्तर खुला। इसके थोड़े समय बाद ही रुपया 72.46 के स्तर तक फिसल गया। इसके पहले सोमवार को कारोबार के अंत में डाॅलर के मुकाबले रुपया 71.32 के स्तर पर बंद हुआ था। कर्इ देशों की करंसी की तुलना में भी डाॅलर मजबूत हुआ है, इससे रुपए पर अतिरिक्त दबाव देखने को मिल रहा है। बता दें कि आरबीआर्इ गवर्नर के इस्तीफे के बाद से इक्विटी बाजार में निवेशकों की चिंता भी बढ़ती हुर्इ दिखार्इ दे रही है। आइए जानते हैं उन चार बड़े कारणों के बारे में जिस वजह से बाजार में गिरावट दर्ज की जा रही है।


1. फाॅरेक्स एडवाइजरी फर्म आर्इएफएक ग्लोबल ने एक नोट में कहा है कि उर्जित पटेल के इस्तीफे से निवेशकों के लिए बाजार में रिस्क बढ़ गया है। साथ ही सरकार व आरबीआर्इ के बीच चल रहे मतभेद पर भी एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया है। विदेशी निवेशक इन बातों को काफी नाकारात्मक रूप से लेंगे।

2. आरबीआर्इ गवर्नर के अचानक इस्तीफे पर कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के लक्ष्मी अय्यर ने कहा, “इस फैसले के बाद हमें बाजार में बिकवाली देखने को मिलेगी। साथ ही बीजेपी की यदि हार होती है तो इसका भी बाजार में पर बुरा असर पड़ेगा।” इस मामले से जुड़े एक आैर जानकार का कहना है कि विदेशी निवेशकों को मनान को भारत में निवेश के लिए राजी करना आसान नहीं होगा।

3. अमरीका-चीन के बीच ट्रेड वाॅर पर बनी असमंजस की स्थिति आैर वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से भी बाजार पर असर देखने को मिल रहा है।

4. दुनिया की छह करेंसियों के मुकाबले अमरीकी डाॅलर के मापने के लिए बने एक बास्केट में 5.5 फीसदी का उछाल देखने को मिल रहा है। ये उछाल साल 2018 का है। वैश्विक ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए निवेशक डाॅलर को अधिक तवज्जो दे रहे हैं।

Read the Latest Business News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले Business news in hindi की ताज़ा खबरें हिंदी में पत्रिका पर।

ट्रेंडिंग वीडियो