इसमें 15 श्रमिकों प्रमाण-पत्र फर्जी पाए गए। एक श्रमिक मौके से ही भाग गया और 14 श्रमिक आए ही नहीं। हालांकि इसमें 40 श्रमिकों को के प्रमाण-पत्र सही पाए गए। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका में 12 जनवरी के अंक में ‘धन के लिए टपकी लार, पड़ रहे है बीमारÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामले का उजागर किया गया था। इससे श्रम विभाग में हड़कम्प मच गया और विभाग द्वारा गत दिनों श्रमिकों को नोटिस भेजकर दोबारा जांच के लिए बुलाया गया था।