यह भी पढ़ें – में 90 रुपए लीटर तक पहुंच सकते हैं पेट्रोल के दाम
बढ़ोतरी का बोझ माल बुक कराने वाले पर डालना संभव नहीं
आपको बता दें कि पिछले 6 माह में डीजल के दाम में करीब 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली में ही 65.93 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गर्इ है। अाॅल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष के मुताबिक, डीजल को दाम में आए दिन बढ़ोतरी का बोझ माल बुक कराने वालों पर डालना संभव नहीं हैं क्योंकि बुकिंग अवधि लंबे समय के लिए होती हैं। जिसके चलते बढ़े हुए तेल का दाम ट्रांसपोटर्स को ही उठाना पड़ रहा है। एेसे में ट्रांसपोटर्स को मुनाफे पर मार देखने को मिल रही है।
ट्रांसपोटर्स के मुनाफे में भारी कमी
डीजल के बढ़ते दाम की वजह से पिछले एक साल में ट्रांसपोटर्स को होने वाला मुनाफा 5-7 फीसदी से घटकर 3-4 फीसदी तक हो गया है। इसको लेकर ट्रांसपोटर्स का कहना है कि जिस तरीक से तेल के दामों में बढ़ोतरी हो रही आैर सरकार इस पर कोर्इ कदम नहीं उठा रही है। ऐसे में हमारे पास हड़ताल पर जाने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है। गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें आैर डाॅलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी से देश की तेल कंपनियों पर बोझ बढ़ता जा रहा था। जिसके बाद उन्हें पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। देशभर में पेट्रोल-डीजल का दाम नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में अपने उच्चतम स्तर पर है।
बढ़ती कीमतों को लेकर सुरेश प्रभु ने दिया बयान
मंगलवार को ही केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने देश में तेल की बढ़ती कीमतों पर कहा कि हमें इसे काबू करने के लिए इसकी खपत कम करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें बाजार की ताकतों के हिसाब से अपने आप को तैयार करना होगा। तेल की बढ़ती कीमतों पर सरकार की मौजूदा रवैये आैर सुरेश प्रभु के इस बयान से एक बात तो साफ हो गर्इ है कि केन्द्र सरकार बढ़ती कीमतों को लेकर कोर्इ कदम नहीं उठाने जा रही है। हालांकि हाल ही में ये खबर आर्इ थी की सरकार ने तेल कंपनियों को तेल के दामों में एक रुपए तक कमी करने काे कहा था।