दूसरों के आधार की जानकारी पाना कानून अवैध यूआईडीएआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ट्राई अध्यक्ष का मामला सामने आने के बाद लोग सोशल मीडिया में दूसरों का 12 अंकों का आधार नंबर शेयर कर उनकी जानकारी मांग रहे हैं। यूआईडीएआई ने कहा है कि दूसरों के आधार की किसी भी प्रकार से जानकारी पाना या प्रमाणित करने पूरी तरह से अवैध है। आधार कानून और भारतीय दंड संहिता के तहत यह एक अपराध भी है। यूआईडीएआई ने कहा है कि यदि कोई एेसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि यूआईडीएआई समय-समय पर लोगों को अपना आधार नंबर किसी के साथ शेयर नहीं करने को लेकर जागरूक करता रहता है।
इसलिए जारी किया बयान दरअसल बीते शनिवार को ट्राई अध्यक्ष आरएस शर्मा ने आधार की पुख्ता सुरक्षा होने का दावा करते हुए अपना 12 अंकों का आधार नंबर सोशल मीडिया में शेयर किया था। साथ ही शर्मा ने आधार नंबर से उनकी निजी जानकारी हैक करने की चुनौती दी थी। उनकी इस चुनौती के कुछ घंटे बाद ही फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने शर्मा के आधार कार्ड से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया में शेयर कर दी थी। इस सुरक्षा विशेषज्ञ ने शर्मा के बैंक अकाउंट और पारिवारिक फोटो भी सोशल मीडिया में शेयर कर दिया था। इसके बाद कई लोगों ने अपने और दूसरों के आधार नंबर सोशल मीडिया में शेयर कर जानकारी मांगनी चाही थी। इस पर रोक लगाने के लिए ही यूआईडीएआई ने यह बयान जारी किया है।