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एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट एनर्जी व करेंसी रिसर्च अनुज गुप्ता ने बताया कि यूरो में आई कमजोरी के कारण डॉलर इंडेक्स लगातार मजबूत हो रहा है और उसे अमेरिका-चीन व्यापारिक टकराव व भूराजनीतिक तनाव से सपोर्ट मिल रहा है।
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हालांकि बीते कुछ दिनों से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से भारतीय मुद्रा को सपोर्ट मिला है। पिछले सत्र में रुपया 16 पैसे की बढ़त के साथ 70.88 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन मजबूती के साथ 98.80 के स्तर पर बना हुआ था।
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अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से रुपए पर दबाव रहा। जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और विदेशी पूंजी निवेश ने रुपए की गिरावट को सीमित करने का प्रयास किया। प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 737.17 करोड़ रुपए की शुद्ध लिवाली की है।