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अमरीकी फेड ने नहीं बढ़ाई ब्याज दरें, भारतीय बाजार पर बड़ा असर नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Sep 21, 2017 01:55:34 pm

अमरीकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन अक्टूबर से 4,500 करोड़ डॉलर के बैलेंस शीट में कटौती का एलान किया।

Federal reserve

वाशिंगटन. अमरीकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन अक्टूबर से 4,500 करोड़ डॉलर के बैलेंस शीट में कटौती का एलान किया। फेड ने साल के अंत में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। इसके चलते अमरीका में ब्याज दर बिना बदलाव के 1 से 1.25 फीसदी पर बरकरार है। फेड की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं होने से, भारत जैसे विकासशील अर्थव्‍यवस्‍था वाले देशों को थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन आगे असर देखने को मिल सकता है। फेड ने दिसंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अनुमान जताया है। ऐसे में विदेशी निवेशक ज्‍यादा रिटर्न के लिए भारतीय बाजार से पैसा निकाल सकते हैं, जिससे बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है।

भारत पर इन फैसलों के क्या असर होंगे


अमरीकी में ब्याज दर बढ़ने के अनुमान से ज्यादा मुनाफे की चाह में भारत का रुख करने वाले कई निवेशक वापस अमरीका का रुख कर सकते हैं। फेडरल रिजर्व इस साल अक्टूबर से 4,500 करोड़ डॉलर के बैलेंस शीट में कटौती का एलान किया है। इन वजहों से भारत में विदेशी निवेश में कमी होने और डॉलर के मजबूत होने का अनुमान है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियाद बेहतर रहने से यहां की अर्थव्यवस्था पर फेड रिजर्व के फैसलों का नकारात्मक असर अनुमान से कम ही रहेगा।

2017 में 2 बार बढ़ी दरें

फेड चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने इस साल 3 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए थे। हालांकि फेड रिजर्व ने मार्च और जून में ब्याज दरें बढ़ाई थी। इससे पहले फेडरल रिजर्व ने 15 जून को खत्म हुई बैठक में 0.25 फीसदी दरें बढ़ाने का फैसला लिया था। दिसंबर में अगर ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी होती है तो फेड एक साल में तीन बार बढ़ोतरी कर देगा।

अक्टूबर से बैलेंस शीट में कटौती

फेड ने एक बयान में कहा कि, फिलहाल कमेटी का सारा ध्यान बैलेंस शीट को ट्रिम करने पर है। अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था में लौटते भरोसे के संकेतों के मद्देनजर फेडरल रिजर्व की कोशिश कर्ज के बोझ को हल्का करने की भी है। फेडरल रिजर्व ने कुल 4.2 लाख करोड़ डॉलर ट्रेजरी बॉन्ड्स और गिरवी रखी सिक्युरिटीज पर दिए गए कर्ज का बोझ कम करने का रोडमैप तैयार किया है। इसकी शुरुआत अक्टूबर से शुरू होगी।

डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे टूटा


शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज 26 पैसे गिरकर 64.53 पर खुला। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार अमरीकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को बढ़ाए जाने की मजबूत उम्मीदों के चलते अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपए में यह गिरावट देखी गई।

सोना तीन हफ्ते के निचले स्‍तर पर
फेड की ओर से ब्याज दर नहीं बढ़ाने के बावजूद सोना गुरुवार को तीन हफ्ते के निचले स्‍तर पर आ गया। इसकी वजह रही रुपए के मुकाबले डॉलर का मजबूत होना। बैलेंस शीट में कटौती की घोषणा से अमरीकी बाजार में डॉलर और ब्रांड याल्डि मजबूत हुआ है जिससे निवेशकों का रुझान सोना से कम हुआ है। इससे गिरावट दर्ज की गई है।

बाजार में गिरावट


फेडरल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का अनुमान जताए जाने का असर एशियाई बाजारों सहित घरेलू स्टॉक मार्केट पर भी देखने को मिल रहा है। बिकवाली के चलते, सेंसेक्स 130 अंक गिर कर 32,270 के स्तर पर और निफ्टी 47 अंक की गिरावट के साथ 10093 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
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