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IUC में गिरावट के बाद टेलीकॉम कंपनियोंं के लिए VoLTE कॉल बन सकता है बेहतर विकल्प

locationनई दिल्लीPublished: Sep 25, 2017 05:07:17 pm

Submitted by:

manish ranjan

भविष्य मे हो सकता है कि टेलिकॉम कंपनियां वोल्टे वॉइस कॉलिंग के तरफ रूख कर सकती हैं।

TRAI

नई दिल्ली। टेलिकॉम रेगूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज (आयूसी) मे 57 फीसदी की कटौती कर दिया है जिसे 2020 तक पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा। ट्राई के इस फैसले से भारती एयरटेल, वोडाफोन, और आइडिया जैसी कंपनियां आर्थिक संकट से जूझ सकती हैं। इससे इन कंंपनियों की कमाई मे भारी कटौती होने के आसार हैं। इसके बाद भविष्य मे हो सकता है कि टेलिकॉम कंपनियां वोल्टे वॉइस कॉलिंग के तरफ रूख कर सकती हैं। इस सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि ये उनके लिए एक बेहतर विकल्प होगा। इससे डाटा सर्विसेज की मांग और बढ़ेगी जो की मौजूदा समय में कंपनियों के रेवेन्यू का लगभग 80 फीसदी हिस्सा जेनरेट करता है।


पिछले हफ्ते ट्राई ने घटाया था आईयूसीय

पिछले हफ्ते ट्राई ने आईयूसी को 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे प्रतिमिनट कर दिया जो कि एक अक्टूबर से लागू होने वाला हैं। यदि टेलिकॉम कंपनियां वोल्टे वॉइस कॉलिंग के तरफ रूख नहीं करती हैं तो हो सकता है कि उन्हे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़े। जिससे आने वाले दिनों में टेलिकॉम कंपनियां अपने कस्टमर्स को बेहतर सर्विस मुहैया कराने में भी कटौती कर सकती है। लेकिन ट्राई के इस फैसले से रिलायंस जियो को सबसे ज्यादा फायदा भी हो सकता हैं।


90 फीसदी नॉन-वोल्टे नेटवर्क पर

हाल ही के एक रिर्पोट में, बैंक ऑफ अमेरिका-मेरिल लिंच और ब्रोकिंग फर्म सीएलएसए ने कहा कि, जीरो आईयूसी के मॉडल टेलिकॉम कंपनियों को वॉइस ओवर एलटीई यानि वोल्टे के तरफ रूख करने को मजबूर कर सकता है। मौजूदा समय में वोल्टे तकनीक को पैन इंडिया स्तर पर केवल रिलांयस जियो इंफोकॉम ही चला रहा है। अभी भारत में 90 फीसदी वॉइस कॉलिंग 2जी, 3जी और नॉन वोल्टे नेटवर्क पर चलता है। हालांकि भारती एयरटेल ने भी हाल ही मे वोल्टे तकनीक को मुंबई में लॉन्च किया है जो कि खुद आईयूसी मे कटौती का विरोध किया है। आईडिया और वोडाफोन भी इस तकनीक को अभी टेस्ट कर रहे है।


अभी पुराने ऑपरेटर्स सर्किट-स्विच तकनीक से वॉइस सेवा देती हैं और साथ में 4जी, 3जी या 2जी नेटवर्क पर डाटा उपलब्ध कराती है। लेकिन वोल्टे तकनीक एक ऑपरेटर को एक ही नेटवर्क पर वॉइस और डेटा दोनों की अनुमति देता है। वॉइस मात्र एक दूसरा एप्लिकेशन है जो कि एलटीई नेटवर्क पर काम करता है, ये एयरवेव को और अधिक कुशलता से प्रयोग करता है।


अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी गोल्डमैन सैश ने चेताया कि, हाल मे हुए किए गए आईयूसी में कटौती भारतीय टेलिकॉम सेक्टर के लिए खतरा साबित हो सकता है। इससे भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्यूलर के सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स होने से इनको ज्यादा नुकसान झेलना पड़ सकता है।

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