video--अरनोद चिकित्सालय में न्यायाधीश पहुंचे तो १५ मिनट बाद कहीं से आए चिकित्साकर्मी
ेराजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा अपर जिला न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अरनोद का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मौके पर मेल नर्स ग्रेड प्रथम रोशनलाल आर्य ड्यूटी पर उपस्थित पाए गए। कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। करीब 15 मिनट के बाद डॉक्टर गजेंद्रसिंह कहीं से भागते हुए आए।
Published: 15 Feb 2020, 07:17 PM IST
चिकित्सक नदारद, पाई कई कमियां
प्रतापगढ़
ेराजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा अपर जिला न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अरनोद का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय मौके पर मेल नर्स ग्रेड प्रथम रोशनलाल आर्य ड्यूटी पर उपस्थित पाए गए। कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। करीब 15 मिनट के बाद डॉक्टर गजेंद्रसिंह कहीं से भागते हुए आए। उपस्थिति पंजिका को देखने पर डॉ. चंद्रशेखर एवं डॉ. जितेंद्रसिंह गुर्जर आयुष चिकित्सक भी मौजूद नहीं थे। उनके द्वारा कोई आकस्मिक अवकाश की दरख्वास्त या प्रार्थना पत्र मौजूद नहीं थी। सचिव वैष्णव ने दवाई वितरण केंद्र, प्रसव कक्ष तथा प्रसूति वार्ड का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्सकों का ड्यूटी टाइम में पूरा ठहराव नहीं रहता है। जिसके कारण मरीजों को असुविधा होती है। निरीक्षण के दौरान पैनल लॉयर अजीत मोदी भी मौजूद थे। परिसर में साफ -सफाई के निर्देश दिए। साथ ही यह भी कहा कि जिला नर्सिंग छात्र संगठन की ओर से प्रस्तुत परिवाद को देखते हुए पूरे जिले में प्रशासन में पुलिस के द्वारा चिकित्सा विभाग के सहयोग से अवैध चिकित्सकों पर कार्रवाई की जा रही है। ऐसी स्थिति में राजकीय अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों और स्टाफ की ड्यूटी बढ़ जाती है और वे पूरे समय नियमानुसार अपने कर्तव्य पर उपस्थित रहे। ताकि जिले की गरीब और भोली जनता तथा मरीजों को राज्य सरकार द्वारा दी जा रही चिकित्सा सुविधा नियमानुसार मिल सके। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ चिकित्साकर्मी कस्बे में प्रेक्टिस करते है। ऐसे में यहां उपचार की समुचित सुविधा नहीं मिल पाती है। इसे भी न्यायाधीश ने गंभीरता से लिया है। इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी को व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सख्य निर्देश दिए है। गौरतलब है कि यहां अरनोद सीएचसी में गत कई वर्षों से चिकित्सकों की कमी है। जो भी चिकित्सक लगाए जाते है, वे यहां से स्थानांतरण की फिराक में रहते है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों ने यहां चिकित्सकों के ठहराव की मांग की है।
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