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अप्रैल में थोक महंगार्इ दर 3.18 फीसदी बढ़ी, र्इंधन आैर खाद्य वस्तूएं रहीं मुख्य वजह

locationनई दिल्लीPublished: May 14, 2018 02:07:23 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

देश में र्इंधन समेत खाद्य वस्तुआें के दाम बढ़ने के बाद अब अप्रैल माह में थोक् महंगा्रइ दर (WPI) हो गर्इ है।

WPI

नर्इ दिल्ली। देश में र्इंधन समेत खाद्य वस्तुआें के दाम बढ़ने के बाद अब अप्रैल माह में थोक् महंगा्रइ दर (WPI) 3.18 फीसदी हो गर्इ है। इसके पहले मार्च माह में थोक महंगार्इ दर 2.47 फीसदी रहा था। वहीं पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल माह में की बात करें तो ये आंकड़ा 3.85 फीसदी रहा था। ये आंकड़े वाणिज्य आैर उद्योग मंत्रालय ने जारी किया। आंकड़े जारी करते हुए मंत्रालय ने कहा, ‘प्राथमिक वस्तू समूहों की खाद्य वस्तूआें एंव विनिर्मित उत्पाद समूहों के खाद्य उत्पादों के मिलेजुले थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगार्इ दर मार्च महीने में 0.07 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल में 0.67 फीसदी हो गया है।’ इसके साथ ही आज ही सांख्यिकी मंत्रालय भी खुदरा महंगार्इ दर का आंकड़ा जारी करने वाला है।


मैनुफैक्चर्ड आइटम्स के थोक भाव में इजाफा

वाणिज्य मंत्रालय अौर उद्याेग मंत्रालय ने जो आकंड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक, अप्रैल महीने में पेट्रोल-डीजल जैसे र्इंधन आैर पावर के थोक भाव में 7.85 फीसदी, मैन्युफक्चर्ड आइटम्स (विनिर्मित वस्तुआें) में 3.11 फीसदी की वृद्धि हुर्इ जो पिछले माह क्रमश: 4.7 फीसदी आैर 3.03 फीसदी थी।


प्याज आैर दूध ने दी राहत

अप्रैल माह मे आलू के थोक मूल्य की की बात करें तो इसमें 67.94 फीसदी की वृद्धि हुर्इ है।इसके पहले मार्च माह में ये वृद्धि 43.27 फीसदी थी। यदि फलों की बात करें तो अप्रैल माह में इनके दाम में 19.47 फीसदी इजाफा हुआ है। जाे कि मार्च माह में ये 9.26 फीसदी बढ़ा था। लेकिन इसके साथ ही प्याज आैर दूध के थोक मूल्यों को लेकर एक राहत की खबर है। क्योंकि अप्रैल माह में प्याज आैर दूध के थोक मूल्य घट गए थे।


क्या होता है थोक महंगार्इ दर

थोक मूल्य दर खुदरा स्तर से पहले चरणों में वस्तूआें की कीमत में परिवर्तन को मापता है। WPI सूचकांक में शामिल सामानों का औसत मूल्य परिवर्तन दिखाता है और इसे अक्सर अनुपात या प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है, और परिवर्तन देश के मुद्रास्फीति के स्तर का संकेतक है।

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