चौथी तिमाही में हुआ घाटा
चौथी तिमाही में हुए भारी-भरकम घाटे से पूरे वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कंपनी का मुनाफा 2017-18 के 4,224 करोड़ रुपए से कम होकर 1,720 करोड़ रुपए पर आ गया है। यदि यस बैंक को 831 करोड़ रुपए वापस नहीं होते तो आलोच्य तिमाही के दौरान बैंक का घाटा और अधिक होता। आलोच्य तिमाही के दौरान फंसे कर्ज के लिए किया जाने वाला प्रावधान 399 करोड़ रुपए से करीब 10 गुना बढ़कर 3,661 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।
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बैंक ने दी जानकारी
बैंक ने जानकारी देते हुए बताया कि उसकी कुल आय पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के 7,163.95 करोड़ रुपए के मुकाबले मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही में बढ़कर 8,388.38 करोड़ रुपए हो गई है। इस दौरान ब्याज से होने वाली आय भी एक साल पहले के 5,742.98 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़कर 7,856.54 करोड़ रुपए हो गई है।
नई नियुक्तियां की जाएंगी
इस दौरान बैंक की एकीकृत गैर-निष्पादित परिसंपत्ति ( एनपीए ) 1.28 फीसदी से बढ़कर 3.22 फीसदी पर पहुंच गई है। बैंक के नए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवनीत गिल ने प्रबंधन में व्यापक फेरबदल के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि वह मौजूदा प्रबंधन टीम को अस्थिर नहीं करना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह बैंक को सही कंपनी संचालन के रास्ते पर लेकर जाना चाहते हैं और इस दिशा में लोगों की नियुक्तियां की जाएंगी। उन्होंने बैंक की खुदरा इकाई के लिए नए प्रमुख की तलाश की भी जानकारी दी।
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