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जेट एयरवेज और ILFS ने बिगाड़ा YES BANK का खेल, Q4 में हुआ करोड़ों का नुकसान

यस बैंक ने अपनी तीसरी तिमाही के नतीजे हाल ही में जारी किए हैं
जिसमें कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है
कंपनी को वित्त वर्ष 2019 की आखिरी तिमाही में 1,507 करोड़ रुपए का घाटा हुआ

नई दिल्लीMay 01, 2019 / 11:29 am

Shivani Sharma

जेट एयरवेज और ILFS ने बिगाड़ा YES BANK का खेल, Q4 में हुआ करोड़ों का नुकसान

नई दिल्ली। लंबे समय से चर्चा में बने हुए यस बैंक ने अपनी तीसरी तिमाही के नतीजे हाल ही में जारी किए हैं, जिसमें कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। मार्च में रवनीत गिल ( Ravneet Gill ) ने यस बैंक ( Yes Bank ) के सीईओ ( CEO ) के रूप में कार्यभार संभाला था, जिसके बाद बैंक को अच्छे तिमाही नतीजों की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी को वित्त वर्ष 2019 की आखिरी तिमाही में 1,507 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। बैंक को पहली बार किसी तिमाही में घाटा हुआ है। इससे पहले बैंक को किसी भी तिमाही में घाटा नहीं हुआ था। साल भर पहले की इसी तिमाही में यस बैंक ने 1,180 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था। बाजार के जानकारों का मानना है कि कंपनी को यह घाटा बैड लोन के कारण हुआ है। बैंक ने जेट एयरवेज ( Jet Airways ) और आईएलएंडएफएस ( IL&FS ) को करोड़ों रुपए का लोन दे रखा था, जिसके कारण वित्त वर्ष 2018-19 के मार्च तिमाही नतीजों में बैंक ने कमजोर प्रदर्शन दिया है।


नॉन-टैक्स प्रोविजनिंग ( NTP ) में हुई बढ़ोतरी

यस बैंक ने मार्च क्वॉर्टर में 3,662 करोड़ रुपए की नॉन-टैक्स प्रोविजनिंग ( NTP ) की थी। यही प्रोविजनिंग ठीक एक साल पहले के 400 करोड़ रुपए की थी जो अभी की तुलना में 9 गुना अधिक और अगर दिसंबर 2018 तिमाही की बात करें तो यह प्रोविजनिंग 550 करोड़ रुपए थी। मार्च क्वॉर्टर में बैंक का ग्रॉस एनपीए ( NPA ) बढ़कर 3.22 फीसदी हो गया, जो एक तिमाही पहले 2.10 फीसदी था। यस बैंक को नुकसान होने का ये एक बड़ा कारण है।


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एनलिस्ट कंपनियों ने घटाया टार्गेट प्राइस

तिमाही नतीजों के बाद कई एनलिस्ट कंपनियों ने यस बैंक के टार्गेट प्राइस को कम किया है। इन सभी कंपनियों में सबसे अधिक कटौती मैक्वेरी ने की है। मैक्वेरी ने कहा कि बीते 8 सालों से वो यस बैंक को इस बात के लिए संदेह की स्थिति में है कि यह बैंक स्ट्रक्चर्ड फाइनेंस के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर पाएगी या नहीं। मैक्वेरी ने यस बैंक के शेयरों के स्टॉक कॉल को अंडरपरफार्म की श्रेणी में डालते हुए टार्गेट प्राइस 165 रुपए प्रति शेयर रखा था। वहीं, डॉयच बैंक ने सबसे बेहतर टार्गेट प्राइस रखा था। डॉयच बैंक ने स्टॉक कॉल को बाय की श्रेणी में डालते हुए 245 रुपए प्रति शेयर का टार्गेट प्राइस रखा था। इसके अतिरिक्त क्रेडिट सुइस ने अपना टार्गेट प्राइस 205 रुपए प्रति शेयर और मॉर्गन स्टेनली ने 125 रुपए प्रति शेयर का टार्गेट प्राइस रखा था।

 

नए सीईओ ने दिए बदलाव के निर्देश

मार्च में कंपनी के नए सीईओ बने रवनीत गिल बैंक में कई तरह के बदलाव करने के आदेश दिए थे। सीईओ ने कहा कि बैंकों को नई फिलॉस्फी के साथ काम करना होगा। बैंक को मिलने वाली फीस इनकम की एकाउंटिंग से लेकर लोन प्रोविजनिंग और रेगुलेशंस तक सभी क्षेत्रों में बदलाव करने के निर्देश दिए। गिल ने कहा कि बैंक नई फिलॉस्फी पर ही काम करेगा, जिसके कारण हमारा बैंक आगे बढ़ सकता है और उन्नति कर सकता है। पहली बार किसी तिमाही में घाटे में रहने के बाद मार्केट एनालिस्टों को दिए प्रेजेंटेशन में गिल ने यस बैंक के भविष्य के बारे में अपनी राय रखी है।

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इन कंपनियों में डूबे पैसे

31 मार्च 2019 तक यस बैंक का IL&FS के लिए कुल एक्सपोजर 2,528 करोड़ रुपए था, जिसमें 2,442 करोड़ रुपए को एनपीए के रूप में बांटा गया है। बैंक ने एक बयान में जानकारी देते हुए कहा कि 86 करोड़ रुपए को स्टैण्डर्ड के रूप में बांटा गया है। वहीं, अगर जेट एयरवेज की बात करें तो एयरलाइन के ऊपर कर्जदारों का 8,000 करोड़ रुपए बकाया है। इसमें यस बैंक का भी हिस्सा है। जेट टएयरवेज को एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और अन्य कई बैंकों का लोन शामिल हैं।

बैड लोन ( Bad Loan ) और प्रोविजनिंग के कारण हुआ घाटा

इन्फ्रास्ट्रक्चर ग्रुप आईएलएंडएफएस और जेट एयरवेज को दिए गए कर्ज के बैड लोन में बदलने की वजह से बैंक को इस तिमाही में प्रोविजनिंग में बहुत अधिक बढ़ोतरी करनी पड़ी। इस साल मार्च में रवनीत गिल यस बैंक के सीईओ बनाए गए थे। वह बैंक की लोन बुक को लेकर पारदर्शिता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसलिए बैंक ने मार्च तिमाही में प्रोविजनिंग में भारी बढ़ोतरी की है।
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