कलंदर समाज में खुशी वाइल्ड लाइफ संस्था ने भालू नचाने वाले कलदरों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है इस पहल के जरिए कलंदरों को शिक्षित करने के साथ-साथ उनको रोजगार दे रही है। वाइल्डलाइफ संस्था की पहल से कलंदर समाज बेहद खुश हैं। साकिर नाम के कलंदर ने बताया कि हम लोग पहले जंगल में से तीतर पकड़कर लाते थे, खरगोश पकड़कर लाते थे और उनको बेचकर अपना जीवन यापन करते थे। भालू को लोगों के मनोरंजन के लिए नचाकर पैसा कमाते थे लेकिन जब से वाइल्ड लाइफ संस्था ने हम लोगों का हाथ थामा है तब से हमारी जिंदगी बदल गई। हम लोगों ने खरगोश और तीतर को पकड़ कर बेचना बंद कर दिया क्योंकि इस संस्था ने हम लोगों को अच्छे विचार दिए। पढ़ाया और नई नई चीजों के बारे में बताया। संस्था ने हम लोगों को पढ़ाने के साथ-साथ यह बताया कि अगर हम अपने हाथ से कुछ चीजें ऐसी बनवायें जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करें और अपने हाथ से बनी हुई चीजों को हम लोगों तक पहुंचा सकें। कलंदर ने बताया कि संस्था हम लोगों को पढ़ाई-लिखाई के साथ साथ खाना, रहना और नौकरी दे रही है। हमें पहले और अब के जीवन में काफी बदलाव नजर आ रहा है।
पहले का जीवन बदला जीवन बता दें कि कलंदर समाज के लोग पहले भालू को जंगल से पकड़कर लाते थे और उनके नुकीले दांतों को तोड़कर उन्हें लोगों के बीच नचाते थे ताकि लोगों का मनोरंजन किया जा सके और उसके बदले लोग उन्हें जो रुपए देते थे उनसे वो अपना जीवन यापन करते थे। भालू को पकड़ कर लाना और उनके साथ दुर्व्यवहार करना यह उनके जीवन में शुमार था। जब से वाइल्ड लाइफ नामक संस्था ने इनका हाथ थामा है तब से तो इनकी जिंदगी बदल गई है। यह लोग अब अपने हाथों से बनाई हुई चीजों को बाजार में बेच कर अपना जीवन यापन करते हैं।