रविवार को भगवान बांके बिहारी ने अपने भक्तों को दर्शन दिए। मंदिर प्रशासन के द्वारा दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को पहले हाथों को सैनिटाइज कराने के बाद प्रत्येक श्रद्धालु का थर्मल स्कैनिंग मशीन के नारिये उनका टेम्प्रेचर मापा जा रहा था। दोनों प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद श्रद्धालुओं को भगवान बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश दिया गया। मंदिर खोलने से भगवान बांके बिहारी मंदिर पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद दिखी तो वहीं श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को भी मिल रहा था। वही पहले दिन भगवान बांके बिहारी के दर्शन को करीब 5 हज़ार श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद मंदिर पहुँचकर भगवान बाँके बिहारी का दीदार किया।
कोरोना महामारी को देखते हुए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया था तो वही मंदिर भी इस लॉकडाउन में इससे अछूते नहीं रहे। 24 मार्च को भगवान बांके बिहारी मंदिर को बंद कर दिया गया। 17 अक्टूबर को भगवान बांके बिहारी मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया। मंदिर खोलें की सूचना से भगवान बांके बिहारी के दर्शन के लिए एक जनसैलाब उमड़ गया था। भीड़ के दबाव को देखते हुए मंदिर को बंद कर दिया गया वही मंदिर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं के साथ साथ संत समाज और स्थानीय नागरिकों में खासा आक्रोश देखने को मिला था। बांके बिहारी मंदिर को खुलवाने के लिए धरने प्रदर्शन किए गए तो वही कुछ भक्तों की तरफ से जिला न्यायालय में सिविल जय जूनियर डिवीजन के यहां एक अपील डाली गई उस अपील में भगवान बांके बिहारी मंदिर को खोलने की बात कही गई थी। 19 तारीख को मंदिर बंद कर दिया गया और जिला न्यायालय ने लोगों की भावनाओं को देखते हुए 25 अक्टूबर से पुनः मंदिर खोलने के निर्देश दिए।
भगवान बांके बिहारी के दर्शन को आए भक्तों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि काफी लंबे अरसे के बाद प्रभु के दर्शन हुए हैं। बहुत अच्छा लग रहा है क्या व्यवस्था भी ठीक है। बांके बिहारी के दर्शन कर मन प्रसन्न हुआ और भगवान से सुखी जीवन की कामना की।