जानकारी के मुताबिक गांव इरौली गुर्जर में सोमवार दोपहर को ईसाई धर्म के कुछ लोगों ने प्रार्थना सभा रखी। जिसमें इन लोगों ने ग्रामीणों को धार्मिक ग्रंथ बांटा। इसी दौरान इस बात की जानकारी जब बजरंग दल और हिन्दू जागरण मंच के पदाधिकारियों को हुई तो उन्होंने मौके पर जाकर इन लोगों को दबोच लिया और हंगामा शुरु कर दिया। मामले की जानकरी होने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में सभी सात लोगों को हिरासत में लेकर थाने ले गई।
थाने में पूछताछ के दौरान दिल्ली के रहने वाले पादरी स्टेनली बताया कि गांव के एक शख्स ने उन्हें बुलाया था। स्थानीय लोगों के कहने पर ही आए और प्रार्थना कराई। उन्होंने कहा कि गाड़ी में बाइबिल रखी हुई थी। ग्रामीणों ने जब किताबें मांगी तो उन्हें दी गईं। अपनी तरफ से उन्होंने किसी को जबरन बाइबिल या अन्य किताब नहीं दी गई। धर्मपरिवर्तन कराने के आरोप को उन्होंने सिरे से नकार दिया है।
ग्रामीण रामचरण के मुताबिक दिल्ली से आए इन लोगों ने बताया कि कैसा भी मर्ज हो उसका इलाज किया जाएगा। इलाज के नाम पर ये लोग धर्म परिवर्तन करा रहे थे। वहीं दूसरे ग्रामीण ने बताया कि पिछले कई माह से ये लोग हरिजन समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास में जुटे थे। इन लोगों ने यहां तक कहा कि राम-कृष्ण और हनुमान को मत मानो ईसाई बन जाओ।
महानगर अध्यक्ष हिन्दू जागरण मंच के नीरज शर्मा ने बताया कि इस मामले में खिलाफ थाना सुरीर में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसएचओ बीएन सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन के आरोप में पुलिस ने स्टेनली जैकब, डेविड, विजय कुमार, अमित, सुमित वर्गीज, अनीता और दिनेश को गिरफ्तार कर लिया है। सभी से पूछताछ की जा रही है।
इस संबंध में एसपी सिटी श्रवण कुमार का कहना है कि पुलिस द्वारा गहराई से पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।