जानें क्या है पूरा विवाद
दरअसल, एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में प्रदीप मिश्रा व्यास गद्दी से कहते दिख रहे हैं मैं साधुवाद देता हूं पुंडरीक महाराज को, मैं साधुवाद देता हूं कौशिक महाराज को, मैं साधुवाद देता हूं संजीव कृष्ण शास्त्री को, मैं साधुवाद देता हूं राजीव शास्त्री को, मैं साधुवाद देता हूं अनूप शास्त्री को, जिन्होंने वृंदावन से फोन लगाकर कहा कि गुरुदेव आप जब भी वृंदावन पधारें, अपन सारे विद्वानों की सभा रखेंगे, आप अपनी बात रखना। प्रदीप मिश्रा कहते दिख रहे हैं कि इस बारे में हमारे यहां पत्र आया और हमने पत्र द्वारा सूचना दी। हम पहुंचेंगे (वृंदावन) और वहां पर बात करेंगे।
‘आस्था में प्रमाण की नहीं, प्रणाम की जरूरत’
इस वीडियो के वायरल होने पर पुंडरीक महाराज का एक वीडयो वायरल हुआ है। वीडियो में पुंडरीक महाराज कह रहे हैं कि मुझे अभी सूचना दी गई और वीडियो दिखाया गया कि अधिक्रत व्यास पीठ के मंच से सार्वजनिक रूप से मेरा नाम कोट करके एक बात कही गई है। हालांकि बातें तो बहुत सी होती हैं लेकिन अधिक्रत मंच से कही गई इसलिए मेरी प्रतिक्रिया देना एक अनिवार्य विषय है। पुंडरीक महाराज ने कहा है कि पिछले दिनों वह भोपाल में थे। उस दिन मिश्रा जी (प्रदीप मिश्रा) का फोन आया, बातचीत हुई, उन्होंने (प्रदीप मिश्रा ने) मेरे सामने एक विषय रखा कि वृंदावन में एक विवाद बना हुआ है। तो मैंने उनसे कहा कि आप ब्रज आइये, सब संतों के दर्शन करिये, राधा रानी के चरणों में प्रणाम कीजिये। आस्था के विषय में प्रमाण की जरूरत नहीं होती, प्रणाम की जरूरत होती है। सारा विषय समाप्त हो जाता है। पुंडरीक महाराज ने कहा कि मैं ब्रजवासी हूं, हमारी रग-रग में, रोम-रोम में राधा रानी की कृपा रक्त बनकर दौड़ती है।
प्रदीप मिश्रा से बात होने से इनकार
उधर संजीव कृष्ण महाराज द्वारा कथा वाचक प्रदीप मिश्रा से बात होने से इंकार किया है। संजीव कृष्ण महाराज द्वारा एक वीडियो में कहा गया है कि हमारे कई ब्रजवासियों ने कल फोन कर पूछा कि श्री राधा जी बाले संपूर्ण विषय पर कथा व्यास प्रदीप मिश्रा से कोई वार्ता हुई है क्या? संजीव कृष्ण महाराज ने कहा है कि उनकी कोई वार्ता प्रदीप मिश्रा के साथ नहीं हुई। उनके परिवार के एक व्यक्ति से उनका संवाद हुआ और उन्होंने यही बात उनसे कही कि मिश्रा जी (प्रदीप मिश्रा) द्वारा किशोरी जी पर दिये संपूर्ण वक्तव्य से ब्रजवासियों की, रसिकों संतों की भावनाएं आहत हुई हैं। यहां पर घर-घर में राधा की उपासना होती है। एक ब्रजवासी के रूप में राधा जी के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। राधा ब्रज की प्राण हैं, राधा हमारे सम्पूर्ण रसिक संतों की प्राण हैं। उन्होंने (संजीव कृष्ण ने) यही कहा था कि ब्रज में आयें, किशोरी जी के दर्शन करें और यहां सेवायत, यहां के गोस्वामी, यहां के रसिक संतों के साथ संवाद करके इस प्रकरण का पटाक्षेप करें। किशोरी जी अत्यंत दयालु हैं, यहां आकर किशोरी जी को प्रणाम करें।