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स्कूल का ताला तोड़कर एबीआरसी ने सरेआम की चोरी, सबूत मिलने के बावजूद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला किया दर्ज

locationमथुराPublished: Nov 24, 2017 01:59:20 pm

Submitted by:

suchita mishra

प्राथमिक विद्यालय नंदगांव में राजेन्द्र सिंह नामक एबीआरसी ने की चोरी। 15 अक्टूबर की घटना। अब तक नहीं हुई कार्रवाई।

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मथुरा। जिले के नंदगांव कस्बे में सरकारी स्कूल के एक एबीआरसी (सहायक ब्लॉक संसाधन समन्वयक) को स्कूल का ही सामान चुराने के मामले में पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। आरोपी एबीआरसी से पुलिस ने चोरी किए गए माल को भी बरामद कर लिया है। लेकिन अभी तक जरूरी कार्रवाई कर उसे जेल नहीं भेजा गया है। पुलिस के इस रवैये से उसकी कार्यशैली पर उंगली उठ रही है। आरोपी एबीआरसी प्राथमिक शिक्षक संघ नंदगांव ब्लॉक का मंत्री है।

ये है मामला
थाना बरसाना की नंदगांव पुलिस चौकी के ठीक सामने स्थित प्राथमिक विद्यालय नंदगांव में ब्लॉक संसाधन केंद्र भी स्थित है। इसी केंद्र पर पिछले महीने 15 अक्टूबर को बंद कमरे का ताला तोड़कर स्कूल में बच्चों के लिए बिछाई जाने वाली दरी के 50 बंडल चोरी हो गए। 17 अक्टूबर को स्कूल की शिक्षिका को जब चोरी की घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने 19 अक्टूबर को नंदगांव पुलिस चौकी थाना बरसाना और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा को लिखित में एक डायरी भेजी जिसमें चोरी की घटना का उल्लेख किया। नंदगांव पुलिस चौकी इंचार्ज ने स्कूल का मुआयना किया और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। इस दौरान स्कूल के पास ही रहने वाले एक विष्णु नामक युवक ने घटना के बारे में पुलिस को बताया कि इसी केंद्र के राजेन्द्र सिंह नामक एबीआरसी ने ही यह चोरी की है। वही अपनी कार में रख कर दरी के बंडलों को ले गए हैं। ये घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है।
सबूत मिलने के बाद भी अज्ञात में मामला दर्ज
पूरी घटना की जानकारी जब sdm छाता को हुई तो उन्होंने बुधवार को मौके पर पहुंच कर एबीआरसी राजेन्द्र सिंह को पकड़ कर नंदगांव चौकी इंचार्ज को सौंप दिया और तत्काल कार्रवाई करने को कहा। लेकिन पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। बरसाना पुलिस ने सारे सबूत उपलब्ध होने के बाद भी मामला अज्ञात में ही दर्ज किया है।
सरकारी संपत्ति की रक्षा करनी चाहिए
नंदगाव निवासी प्रत्यक्षदर्शी विष्णु ने बताया की रविवार के दिन एक गाड़ी आयी थी राजेंद्र नाम का एक आदमी उतरा और उसके साथ एक लड़का आया था, कमरे का ताला तोड़कर बच्चों के लिए बैठने के लिए नयी दरी आयी थीं। उन दरियों को गाड़ी में भरकर गाड़ी को बाहर खड़ा कर दिया था। जब हमने उनसे पूछा की आप इन दरियों को कहां लेकर जा रहे हैं तो उन्होंने कहा की दूसरे स्कूल में शिफ्ट करेंगे।

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