मामला अकबरपुर के समीप नेशनल हाईवे-19 पर स्थित एक अस्पताल का है। जहां कोरोना संक्रमित खेमचंद नामक व्यक्ति को कोविड-19 वार्ड में भर्ती कराया था। कुछ दिन बाद मरीज की मौत हो गई। मृतक खेमचंद के परिजनों ने जब खेमचंद का शव सुपुर्दगी में लिया और शव को मेडिकल के स्टाफ़ से खुलवाकर देखा तो परिजनों की आँखें फटी रह गयीं। मृतक का शव खून से लथपथ था और परिजनों के द्वारा जब शव को खुलवाते हुए वीडियो बनाया गया। वीडियो को बनता देख अस्पताल का स्टाफ रफू चक्कर हो गया। मृतक के परिजन वीडियो बनाते हुए चिल्ला रहे हैं की उनके मरीज के शव के साथ डॉक्टरों के द्वारा छेड़खानी हुई है और मरीज के शव पर ब्लड लगा हुआ है। मृतक खेमचंद के परिजनों का यह भी आरोप है कि डॉक्टरों के द्वारा उनके मरीज के अंगों को निकाला गया है। परिजनों का आरोप है कि कोरोनो से मरने वाले के शव पर ब्लड नहीं होना चाहिए लेकिन यहां शव पर खून लगा हुआ है।
वहीं मृतक खेमचंद के छोटे भाई मुकुंद चौधरी ने फोन पर रोते हुए अपनी दास्तां सुनाई। मुकुंद का कहना है केडी मेडिकल मैं जब भैया को भर्ती कराया था तो उनके शरीर पर किसी भी तरह का कोई निशान नहीं था। कोरोना से उनकी मौत हो गई और जब हमने उनके शव को उन्हीं के कर्मचारियों के द्वारा खुलवाया तो पूरी बॉडी पर ब्लड लगा हुआ था और शरीर पर निशान भी दिखाई दे रहे थे जो कि यह दर्शाते हैं की ऑर्गन चोरी किए गए हैं। वहीं इस मामले में सीएमओ मथुरा रचना गुप्ता ने बताया कि अस्पताल पर लगे आरोपों की जांच की जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
रिपोर्ट – निर्मल राजपूत