एक माह से युवक करा रहा था ब्रज की सैर
महाराष्ट्र के अहमदनगर निवासी महेश मौर्य फार्मेसी करने के बाद पिछले छह साल से राधाकुंड में रहकर भजन कर रहे हैं। इस बीच उनकी मुलाकात अमेरिका के मियामी से आयी युवती ईवी से हुई। ईवी ब्रज घूमने आयीं थीं। महेश उन्हें एक माह से ब्रज दर्शन करा रहे हैं। इसी बीच दोनों का प्यार परवान चढ़ा। इसके बाद ईवी ने महेश से शादी करने का फैसला किया और शुक्रवार को दोनों ने विवाह रचा लिया।
महाराष्ट्र के अहमदनगर निवासी महेश मौर्य फार्मेसी करने के बाद पिछले छह साल से राधाकुंड में रहकर भजन कर रहे हैं। इस बीच उनकी मुलाकात अमेरिका के मियामी से आयी युवती ईवी से हुई। ईवी ब्रज घूमने आयीं थीं। महेश उन्हें एक माह से ब्रज दर्शन करा रहे हैं। इसी बीच दोनों का प्यार परवान चढ़ा। इसके बाद ईवी ने महेश से शादी करने का फैसला किया और शुक्रवार को दोनों ने विवाह रचा लिया।
महिला को इंग्लिश में सुनाए गए सात वचन
विवाह संपन्न होने के बाद ईवी ने बताया कि वह भारतीय धार्मिकता, खूबसूरती, मेहमानवाजी, रहन-सहन और संस्कृति से बहुत प्रभावित हैं। इसीलिये उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से विवाह किया है। राधा माधव मंदिर में आचार्य ब्रज किशोर गोस्वामी ने शादी की व्यवस्था की। दोनों दूल्हा दुल्हन के लिबास में मंडप में पहुंचे। सबसे पहले दोनों ने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाई और जयमाला डाली। इसके बाद हिंदू वैवाहिक परंपरा के सात वचन इंग्लिश में ईरी को अंग्रेजी में सुनाए गए। दोनों ने अग्निकुंड की परिक्रमा कर विवाह संस्कार पूरा कराया। इसके बाद दोनों गिरिराज परिक्रमा करने को निकल गए। विवाह के दौरान महेश का परिवार मौजूद रहा, जबकि ईवी का परिवार नहीं आ सका। महेश ने बताया कि ईवी एक साल के वीजा पर आई हैं। वह भी वीजा बनवाकर जल्द उनकी मां का आशीर्वाद लेने अमेरिका जाएंगे।
विवाह संपन्न होने के बाद ईवी ने बताया कि वह भारतीय धार्मिकता, खूबसूरती, मेहमानवाजी, रहन-सहन और संस्कृति से बहुत प्रभावित हैं। इसीलिये उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से विवाह किया है। राधा माधव मंदिर में आचार्य ब्रज किशोर गोस्वामी ने शादी की व्यवस्था की। दोनों दूल्हा दुल्हन के लिबास में मंडप में पहुंचे। सबसे पहले दोनों ने एक-दूसरे को अंगूठी पहनाई और जयमाला डाली। इसके बाद हिंदू वैवाहिक परंपरा के सात वचन इंग्लिश में ईरी को अंग्रेजी में सुनाए गए। दोनों ने अग्निकुंड की परिक्रमा कर विवाह संस्कार पूरा कराया। इसके बाद दोनों गिरिराज परिक्रमा करने को निकल गए। विवाह के दौरान महेश का परिवार मौजूद रहा, जबकि ईवी का परिवार नहीं आ सका। महेश ने बताया कि ईवी एक साल के वीजा पर आई हैं। वह भी वीजा बनवाकर जल्द उनकी मां का आशीर्वाद लेने अमेरिका जाएंगे।