डेढ़ साल के बेटे की तबियत हुई खराब जानकारी के मुताबिक छाता तहसील क्षेत्र के गांव लाड़पुर निवासी बलराम उर्फ बल्लो का बड़ा बेटा विक्रम सिंह अधाना करीब पांच साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। परिजनों को जब इस बात की जानकारी हुई कि उनका होनहार बेटा देश की सीमा पर शहीद हो गया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। घर में कोहराम मच गया। गांव में जिसने भी यह खबर सुनी वह शहीद के घर की ओर दौड़ पड़ा। लाड़पुर के जांबाज विक्रम सिंह के शहीद होने के बाद से उनकी मां शांति देवी के आंखों से आंसुओं का बहना नहीं थम रहा। वहीं गर्भवती पत्नी रचना तो जैसे पति के शहीद होने की खबर के बाद से बेसुध सी हो गई है। डेढ़ साल का बेटा जिसकी तबियत खराब है उसका मथुरा के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।
शोक की लहर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और गांव के साथ ही आस-पास के गांव के लोग भी बड़ी संख्या में शहीद के घर पहुंच रहे हैं। शहीद विक्रम सिंह अधाना के छोटे भाई रोहताश सिंह ने बताया कि वे दो भाई थे। विक्रम बड़े थे। शहीद के छोटे भाई ने बताया कि भैया पिछले दिनों छुट्टी पर आए थे और 13 मई को ही ड्यूटी पर वापस गए थे और यह बताते हुए उसकी आंखों से आंसुओं की धार बहने लगी। सोमवार शाम तक शहीद का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव पहुंचने की बात कही जा रही थी लेकिन समाचार लिखे जाने तक शहीद का पार्थिव शरीर गांव नहीं पहुंचा।