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बांके बिहारी मंदिर के बंदर बड़े खिलंदर, जानिए क्या करते हैं, देखें वीडियो

locationमथुराPublished: Aug 11, 2017 01:17:00 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

बांके बिहारी मंदिर के बाहर बंदर श्रद्धालुओं के साथ ऐसी हरकत करते हैं कि कभी गुस्सा आता है तो कभी हँसी।

banke bihari mandir

वृंदावन मथुरा में ठाकुर बांके बिहारी की मनोहरी छवि

मथुरा। वृंदावन स्थित बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर बांके बिहारी के दर्शन के लिए पूरे देश से श्रद्धालु आते हैं। तंग गलियों में स्थित बांके बिहारी के दर्शन कर हर कोई धन्य हो जाता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि ठाकुर बांके बिहारी सबकी प्रार्थना सुनते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं। इसके साथ ही मंदिर के बाहर बंदर श्रद्धालुओं के साथ ऐसी हरकत करते हैं कि कभी गुस्सा आता है तो कभी हँसी।
आँखों से चश्मा उतार ले जाते हैं बंदर

यूं तो उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले बंदरों के आतंक से त्रस्त हैं। जहां बंदरों का प्रवास है, वहां आप कोई काम आसानी से नहीं कर सकते हैं। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के बंदर पूरे खिलंदर हैं। बंदर इस ताक में रहते हैं कि कौन सा श्रद्धालु चश्मा लगाकर आया है। बंदर चुपचाप आता है, श्रद्धालु के कंधे पर बैठता है और आँखों से चश्मा उतार ले जाता है। जब तक श्रद्धालु को इसका अहसास होता है, तब तक बहुत देर हो जाती है।
monkey in banke bihari
IMAGE CREDIT: patrika
फ्रूटी मिलने पर लौटाते हैं चश्मा

बंदर चश्मा उतारकर छत की मुंडेरी पर बैठ जाता है। कोई नया श्रद्धालु है, तो उसे सलाह दी जाती है कि बंदर को दो फ्रूटी दो, चश्मा मिल जाएगा। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि ऐसा ही होता है। जैसे ही बंदर के हाथ में दो फ्रूटी आती हैं, चश्मा दे देता है। अगर किसी ने एक फ्रूटी दी तो चश्मा नहीं देता है और तोड़ देता है। अगर फ्रूटी देने में पांच मिनट से अधिक का विलम्ब किया तो भी चश्मा नहीं मिलता है। बंदर पांच मिनट का समय इसलिए देते हैं, ताकि फ्रूटी खरीदने का वक्त मिल सके। आगरा के सिकंदरा से बांके बिहारी के दर्शन के लिए गए राम नारायण राजपूत के साथ ऐसी ही घटना हुई। इसके बाद लोगों ने बंदरों की उस्तादी की पूरी कहानी बताई।
बंदरों से निजात दिलाएं

मथुरा के मोहन श्याम शर्मा ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर के आसपास आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ लोग सचेत करते रहते हैं कि चश्मा उतारकर सुरक्षित रख लें, नहीं तो बंदर उतार ले जाएगा। जो नहीं मानते हैं, उनका चश्मा बंदर ले ही जाता है। स्थानीय लोग बंदरों के इन हरकतों से खासे परेशान हैं, लेकिन अभी तक कोई उपाय नहीं खोजा जा सका है। उनका कहना है कि बंदरों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाना चाहिए, ताकि श्रद्धालु मथुरा के बार में कोई नकारात्मक भाव लेकर न लौटें।
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