बरसाना में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं में ब्रज की प्रसिद्ध लट्ठमार होली के अद्भुत क्षणों का साक्षी बनने के लिए गजब का उत्साह दिखाई दिया। बरसाना के श्रीजी मंदिर में दर्शनों के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया था। दोपहर को भगवान श्रीकृष्ण रूपी ध्वजा को लेकर नंदगांव के हुरियारे बरसाना स्थित पीलीपोखर पहुंचे। जहां बरसाना के गोस्वामी समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया । नंदगांव के हुरियारों ने भांग और ठंडाई का स्वाद चखने के बाद अपने-अपने सिरों पर साफा बांधा और फिर श्रीजी मंदिर के लिए निकल पड़े। बरसाना की गलियों से निकलने के दौरान हुरियारों पर जमकर गुलाल और रंग डाला गया। वहीं, छतों पर बरसाना की गोपियां खड़ी दिखी तो उन्हें नंदगांव के हुरियारों छेड़ने से जरा भी गुरेज नहीं की। रसिया गाकर उन्हें रिझाने की खूब कोशिश की।
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मंदिर में समाज गायन के बाद दोपहर बाद रंगीली चौक पर पहले से खड़ी हुरियारिनों को जब रसिया गाकर हुरियारों ने छेड़ना और रिझाना शुरु हुआ तो हुरियारिनों ने भी उन पर जमकर प्रेम के लट्ठ बरसाए। घुटनों के बल बैठकर हुरियारे अपनी ढ़ाल पर लाठियों की मार से खुद को बचाया। इस अनोखी होली को देख देश विदेश से आए श्रद्धालु होली के रंग में सराबोर हो गए। होली के रंग में सराबोर हुरियारे और हुरियारिनें भी सालभर इंतजार के बाद लट्ठमार होली खेलने के लिए आतुर दिखे। रंगोत्सव की मस्ती में सभी श्रद्धालु जमकर थिरके।

बता दें कि बरसाना और नंदगांव में लट्ठमार होली की शुरुआत करीब 15 दिन पहले ही शुरू हो गई थी। बरसाना की हुरियारिनें जहां अपने लट्ठों को तेल पिलाकर दूध-बादाम खाकर सेहत बना रही थीं और अपने सोलह श्रृंगार की तैयारियों में जुटी थी। वहीं, नंदगांव के हुरियारे अपनी ढाल को मजबूत करने के साथ ही साफे बनाने में लगे हुए थे।