scriptBhai Dooj 2018: ये है भाई दूज असली कहानी, भाई-बहन को करना होता है यमराज का पूजन, होता है ये विशेष स्नान | Bhai Dooj 2018 Real Story Shubh Muhurt Puja Vidhi Yam Dwitiya Snan | Patrika News

Bhai Dooj 2018: ये है भाई दूज असली कहानी, भाई-बहन को करना होता है यमराज का पूजन, होता है ये विशेष स्नान

locationमथुराPublished: Nov 08, 2018 02:14:47 pm

Bhai Dooj पर इस विशेष स्नान होती है मोक्ष प्राप्ति, भाई-बहन करते हैं यमराज का पूजन।

मथुरा। bhai dooj भाई-बहन के प्यार का त्योहार 9 नवंबर को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन यमुना तट पर विशेष स्नान का आयोजन होता है, जिसे Yama Dwitiya स्नान कहते हैं। इस विशेष स्नान की मान्यता ये है कि इस स्नान में भाई-बहन एक-साथ शामिल होकर मोक्ष प्राप्ति की कामना करते हैं। भाई दूज की वैसे तो आपने बहुत कहानियां सुनी होंगी, लेकिन माना जाता है कि असली भाई दूज की कहानी यमुना से जुड़ी है।
Bhai Dooj की असली कहानी
भाई दूज की असली कहानी यमुना से जुड़ी है। आपको बता दें कि मथुरा में यमराज का मंदिर है। यहां पर भाई-बहन यमराज की पूजा करते हैं। ये पूजा यम्-द्वितीया पर होती है। मथुरा के विश्राम घाट पर एक विशेष स्नान होता है, जिसमे लाखों भाई-बहन एक साथ मिलकर यमुना के जल में स्नान करते हैं और घाट पर ही स्थित यमुना-यमराज मंदिर में पूजा कर मोक्ष-प्राप्ति की कामना करते हैं। इस स्नान की मान्यता है कि जब सूर्य-पुत्र यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने यहां आये तो यमुना जी ने उनका खूब आदर-सत्कार किया और दोनों ने इसी विश्राम घाट पर स्नान किया था। इससे प्रसन्न हो यमराज ने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा तो यमुना जी ने वरदान मांगा कि इस दिन इस घाट पर जो भाई-बहन मेरे जल से स्नान करेंगे, उनके सारे पाप दूर होकर उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी।
मोक्ष की होती है प्राप्ति
यमराज का एक मात्र मंदिर है जो इसी विश्राम घाट पर है और स्नान के बाद सभी भाई-बहन इस मंदिर में यमराज की पूजा कर अपने पापों का प्रायश्चित करते है। यही वजह है कि मोक्ष प्राप्ति की कामना के साथ यहां देश-विदेश से लाखों भाई-बहन इस दिन स्नान करने पहुंचते हैं। सुबह चार बजे से शुरू होने वाला यम्-द्वितीया स्नान देर शाम तक चलता है इस बार भाई-दूज दो दिन होने की वजह से कल भी ये विशेष स्नान होगा।
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