ये है मामला
बता दें मथुरा पोस्टमार्टम गृह पर शव रखने के लिए एक एनजीओ ने डीप फ्रीजर लगवाए तो वहीं सरकार को ओर से भी यहां डीप फ्रीजरों लगवाए गए। संस्था और सरकार दोनों की ओर से 6-6 डीप फ्रीजर की व्यवस्था यहां है लेकिन बताया जा रहा हैं कि पिछले करीब 2 माह से सरकारी 6 डीप फ्रीजर काम ही नहीं कर रहे। पोस्टमार्टम गृह पर काम करने वाले कर्मचारी इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को लिखित में अवगत करा चुके हैं लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी। मुसीबत तो तब हो गई जब संस्था के डीप फ्रीजरों ने भी काम करना बंद कर दिया और यहां रखे शव भीषण गर्मी के चलते सड़ गए। इतना ही नहीं इन शवों में कीड़े पड़ गए।
पोस्टमार्टम गृह पर काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि वर्तमान में यहां 7 लावारिस शव रखे हैं जिनमें से 4 की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है। हालांकि उस कर्मी ने बताया कि फिलहाल संस्था के जो डीप फ्रीजर हैं उन्हें दुरुस्त कर दिया गया है लेकिन सरकारी फ्रीजरों को सही कराने की सुध किसी को नहीं है।
वहीं इस मामले में एसीएमओ डॉ. खन्ना ने बताया कि सरकारी फ्रीजरों को ठीक कराने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। उन्होंने बताया कि 3 दिन पहले संस्था के भी फ्रीजर खराब हो गए थे और उसी दिन दो शव आए जिन्हें बाहर खुले में ही पड़ा छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि एक शव तो छह दिन बाद जिला।अस्पताल से आया था उसमें कीड़े पड़ चुके थे। एसीएमओ ने बताया कि फिलहाल एक शव को खुले में छोड़ा गया है जबकि अन्य सभी शव फ्रीजरों में रखे हैं। उन्होंने बताया कि एक बार फिर शासन को रिमाइंडर भेजा जा रहा है।