यहां देखें वीडियो – सिंचाई के लिए जल्द छोड़ा जाएगा पानी
बुधवार को राजीव भवन के सभागार में सिंचाई विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों बैठक चल रही थी। बठक को उस समय स्थगित करना पड़ा जब सैकड़ों किसानों ने राजीव भवन सभागार को घेर लिया। सभागार के गेट पर ताला जड़कर अधिकारियों को बंधक बना लिया। किसानों को इतनी बड़ी संख्या में देख अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसानों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उन्हें नहरों में जल्द सिंचाई के लिए पानी छुड़वाने का आश्वासन दिया।
बुधवार को राजीव भवन के सभागार में सिंचाई विभाग और कृषि विभाग के अधिकारियों बैठक चल रही थी। बठक को उस समय स्थगित करना पड़ा जब सैकड़ों किसानों ने राजीव भवन सभागार को घेर लिया। सभागार के गेट पर ताला जड़कर अधिकारियों को बंधक बना लिया। किसानों को इतनी बड़ी संख्या में देख अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किसानों को समझा-बुझाकर शांत कराया। उन्हें नहरों में जल्द सिंचाई के लिए पानी छुड़वाने का आश्वासन दिया।
किसानों को कोर्ट की तरह मिलती है तारीख
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष देवेंद्र पहलवान ने बताया कि अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती है। किसानों को यह पागल समझते हैं। किसानों को हर महीने एक नई तारीख दे दी जाती है, जैसे कोर्ट में तारीख पड़ती है। पटल पर जो काम है, वह बिल्कुल नहीं हो रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष देवेंद्र पहलवान ने बताया कि अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगती है। किसानों को यह पागल समझते हैं। किसानों को हर महीने एक नई तारीख दे दी जाती है, जैसे कोर्ट में तारीख पड़ती है। पटल पर जो काम है, वह बिल्कुल नहीं हो रहा है।
ये है मांग
जिला अध्यक्ष देवेंद्र पहलवान का कहना है कि हमारी माँग को सरकार और यहां का प्रशासन मान ले तो अच्छा होगा। हमारी मांग है कि अभी नहरों, छोटे बंबे और रजवाहों में ल्द से जल्द सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाए, ताकि किसान खेतों की सिंचाई कर सकें।
जिला अध्यक्ष देवेंद्र पहलवान का कहना है कि हमारी माँग को सरकार और यहां का प्रशासन मान ले तो अच्छा होगा। हमारी मांग है कि अभी नहरों, छोटे बंबे और रजवाहों में ल्द से जल्द सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाए, ताकि किसान खेतों की सिंचाई कर सकें।
पैसे का होता है बंदर बांट
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष ने अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया है कि जो पैसा शासन की तरफ से किसानों के लिए आता है, उनको यह अधिकारी खा जाते हैं। जिस काम के लिए पैसा आता है, उस पैसे को पूरी तरह से नहीं लगाया जाता है।
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष ने अधिकारियों पर यह भी आरोप लगाया है कि जो पैसा शासन की तरफ से किसानों के लिए आता है, उनको यह अधिकारी खा जाते हैं। जिस काम के लिए पैसा आता है, उस पैसे को पूरी तरह से नहीं लगाया जाता है।