scriptबुद्ध पूर्णिमा: यहां मिली विश्व की पहली गौतम बुद्ध प्रतिमा | budh purnima 2019 world's first Gautam Buddha statue found here | Patrika News

बुद्ध पूर्णिमा: यहां मिली विश्व की पहली गौतम बुद्ध प्रतिमा

locationमथुराPublished: May 18, 2019 01:38:07 pm

लाल बलुआ पत्थर पर बनी भगवान बुद्ध की यहां 100 से अधिक प्रतिमाएं संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही हैं। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग देश-विदेश से यहां घूमने जरूर आते हैं।

budh poornima

बुद्ध पूर्णिमा: यहां मिली विश्व की पहली गौतम बुद्ध प्रतिमा

मथुरा। देश-विदेश में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के तौर पर पहचान रखने वाला मथुरा आदिकाल से मूर्तिकला एवं विभिन्न धर्माचार्यों की तपस्थली के रुप में अपना एक अहम स्थान रखता है। विभिन्न धर्मों से सम्बन्धित हजारों मूर्तियां मथुरा में बनीं और इन्होंने विश्वभर में विभिन्न प्रमुख स्थानों पर जगह पाने के साथ ही प्रसिद्धि भी पाई। भगवान गौतम बुद्ध की पहली मूर्ति का निर्माण भी मथुरा में ही हुआ था। मथुरा मूर्ति कला शैली में लाल बलुआ पत्थर पर बनी भगवान बुद्ध की यहां 100 से अधिक प्रतिमाएं संग्रहालय की शोभा बढ़ा रही हैं। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग देश-विदेश से यहां घूमने जरूर आते हैं। 
 ये मूर्तियां बनीं संग्रहल की पहचान

संग्रहालय में कार्यरत बीथिका सहायक हरिबाबू बताते हैं कि मथुरा बौद्ध, शैव व जैन धर्मावलम्बियों की पूजास्थली व साधनास्थली भी रहा है। चित्तीदार लाल बलुआ पत्थर से बनी विभिन्न धर्माें की मूर्तियां आज भी मथुरा स्थित राजकीय संग्रहालय में संग्रहीत हैं जो देश-विदेश से आने वाले पुरातत्व इतिहास एवं शोधकर्ताओं के लिए बहुमूल्य एवं उपयोगी सिद्ध हो रही हैं। संग्रहालय में कुषाण एवं गुप्तकालीन मथुरा शैली की कलाकृतियां तो हैं ही इसके अलावा मूर्ति, सिक्के, लघुचित्र, धातुमूर्ति, काष्ठ एवं स्थानीय कला के अनेक दुर्लभ कलारत्न पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं। संग्रहालय में मौजूद मूर्तियों में शुंगकालीन मातृ देवी, कामदेव फलक, गुप्तकालीन नारी व विदूषक, कुषाण कालीन धातु मूर्तियों में कार्तिकेय, देव युगल प्रतिमा व नाग मूर्ति, स्थानीय कला में मंदिरों की पिछवाइयां, सांझी के चित्र आदि संग्रहालय की अमूल्य धरोहर हैं।
 यहां मिली विश्व की पहली बौद्ध प्रतिमा 

यहां बौद्ध संस्कृति के तमाम ऐसे प्रमाण मिले हैं जिससे स्पष्ठ होता है कि मथुरा में बौद्ध संस्कृति का खूब विस्तार हुआ। यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमाओं को लाल बलुए पत्थर पर मूर्त रुप दिया गया। इतना ही नहीं बौद्ध धर्म के अनुयायियों ने मथुरा में शिक्षा ग्रहण की थी। संग्रहालय के बीथिका सहायक हरिबाबू के अनुसार सबसे पहले प्रतिमा निर्माण के लिए केवल दो मथुरा मूर्ति कला और गांधार मूर्तिकला ही प्रचलन में थीं। बुद्ध के जीवन से जुड़ी मूर्तियां भी सबसे पहले इन्ही दो शैलियों में बनी। मथुरा मूर्तिकला की प्रतिमाए गांधार कला शैली की मूर्तियों से पहले ही मिलना शुरु हो गई थी। पहली बुद्ध मूर्ति खुदाई के दौरान मथुरा से ही मिली थी इससे प्रमाणित होता है कि मथुरा के ही शिल्पकार ने मथुरा मूर्तिकला शैली में चित्तीदार लाल बलुए पत्थर पर विश्व की पहली बुद्ध मूर्ति बनाई गई और यह पहली मूर्ति कटरा केशव देव मंदिर से सन् 1860 में खुदाई के दौरान मिली। कुषाण कालीन इस मूर्ति में भगवान बुद्ध अभय मुद्रा में बैठे हैं ,उनके पीछे पीपल वृक्ष अलंकृत है और दोनों ओर उनके अनुचर खड़े हुए है, सिर के ऊपर दोनों ओर दो गंधर्व दिखाए गए हैं जो पुष्प वर्षा कर रहे हैं। यह मूर्ति करीब ढाई फीट ऊंची और डेढ़ फीट चौड़ी है और 2000 वर्ष पुरानी बताई जाती है। 
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो