scriptसरकारी धान क्रय केंद्र के अधिकारीयों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप | Charges of corruption against officials of government paddy purchasing | Patrika News

सरकारी धान क्रय केंद्र के अधिकारीयों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

locationमथुराPublished: Oct 22, 2020 06:44:09 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

मंडी ने बने सरकारी धान क्रय केंद्र सवालों के घेरे में अधिकारीयों पर लगे गंभीर आरोप किसानों की परेशानी बनी धान की बिक्री

औद्योगिक इकाई को मिलेगा मण्डी शुल्क में छूट का पूरा लाभ

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मथुरा। किसान साल भर अपनी फसल को अपने बच्चे की तरह पालकर बड़ा करता है। फसल पकने के बाद जब मंडियों में बेचने के लिए लेकर जाते है तो मंडियों में सरकारी क्रय केंद्रों पर उनकी फसल को नहीं खरीदा जाता है। किसान मायूस होकर मजबूरी में उसी फसल को आढ़तियों को बेच देता है। मथुरा की अनाज मंडी में जिस तरह से धांधली की बातें निकल कर आ रही हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों के साथ क्या हो रहा है। मंडी में सरकार द्वारा A ग्रेड के धान के दाम 1888 रुपए और कॉमन ग्रेड के धान के दाम 1868 रुपये प्रति कुंटल रखा गया है। किसान की फसल में नुक्स निकालने वाले ऊपर बैठे लापरवाह अधिकारी की भेंट किसान की फसल चढ जाती है। अनाज मंडी में आए किसानों से जब हमने बात की काफी चौंकाने वाली बातें निकलकर सामने आई। किसान तेजपाल और मानवेंद्र ने बताया कि हम लोग अपना धान लेकर मंडी में आए हैं। धान की तुलाई के लिए कई दिन लग रहे हैं अगर धान तुल भी जाता है तो कमी निकाल कर पैसे की मांग की जाती है। 200 से 300 रूपये प्रति कुंतल रिश्वत हम लोगों को देनी पड़ रही है। जिस व्यक्ति के पास देने के लिए पैसे हैं उसकी फसल मानक के अनुरूप हो या ना हो फसल को तुरंत खरीद लिया जाता है। जिस किसान के पास पैसे नहीं है देने के लिए उसकी फसल भले ही 21 हो उस फसल को यह लोग नहीं खरीद रहे है।

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