ये है मामला
गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में जतीपुरा गांव में स्थित इन्द्र पूजास्थल के पास गोपाल गौशाला स्थित है। एक संत द्वारा इस गौशाला का संचालन किया जाता है। जतीपुरा में रहने वाले स्थानीय निवासी रविकिशन शास्त्री ने बताया कि मथुरा के रहने वाले संत रामदास बाबा ने इसे शुरू किया था, वही इसकी देखभाल करते हैं। लेकिन यहां गायों की कोई सेवा नहीं होती। खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। न भूसा है, न चारा है, न ठंड से बचाने का कोई उपाय है। जिसके कारण प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है। जो पैसा है उससे सिर्फ कमाई की जाती है। रविकिशन शास्त्री का कहना है कि ये हाल यहां की लगभग सभी गौशालाओं का है। प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उनका कहना है कि उनके सामने ही करीब दस गायें मर चुकी हैं और उन्हें हर दिन जेसीबी से गढ़वाया जा रहा है।
गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में जतीपुरा गांव में स्थित इन्द्र पूजास्थल के पास गोपाल गौशाला स्थित है। एक संत द्वारा इस गौशाला का संचालन किया जाता है। जतीपुरा में रहने वाले स्थानीय निवासी रविकिशन शास्त्री ने बताया कि मथुरा के रहने वाले संत रामदास बाबा ने इसे शुरू किया था, वही इसकी देखभाल करते हैं। लेकिन यहां गायों की कोई सेवा नहीं होती। खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। न भूसा है, न चारा है, न ठंड से बचाने का कोई उपाय है। जिसके कारण प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है। जो पैसा है उससे सिर्फ कमाई की जाती है। रविकिशन शास्त्री का कहना है कि ये हाल यहां की लगभग सभी गौशालाओं का है। प्रशासन का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। उनका कहना है कि उनके सामने ही करीब दस गायें मर चुकी हैं और उन्हें हर दिन जेसीबी से गढ़वाया जा रहा है।