शीतलहर, बारिश व ओलावृष्टि होने से किसानों की फसलें हुई बर्बाद, उम्मीदों पर फिरा पानी
बेमौसम बारिश ने किसानों के होली के त्यौहार के रंग को फीका कर दिया।

मथुरा. बेमौसम बारिश ने किसानों के होली के त्यौहार के रंग को फीका कर दिया है करीब 6 दिन पूर्व तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से खेतों में बिछ चुकी अपनी फसल के नुकसान को भूला नहीं कि गुरुवार की रात बारिश और ओले के बाद शुक्रवार देर रात एक बार फिर तेज बारिश और ओले पड़ने से किसान को कश्मकश में डाल दिया है कि इस बार तो उसे लागत मूल्य भी शायद मिल सके। खेतों में बर्बाद हुई अपनी फसल का मंजर देख किसान खून के आंसू रो रहा है और अब मदद के लिए एकटक सरकार की ओर देख रहा है।
उम्मीदों पर फिरा पानी
बीते शनिवार की शाम अचानक तेज हवाओं के साथ आई किसान की तैयार फसल को भारी नुकसान पहुंचाया वहीं शुक्रवार की देर शाम बारिश और ओलों ने किसान की रही बची उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया। बेमौसम बारिश और कुछ जगहों पर पड़े ओलों ने मानों किसान को अपनी किस्मत पीटने पर मजबूर कर दिया है। आलू के साथ ही किसान को गेंहू और सरसों की फसल को भी इस बेमौसम बरसात से शत-प्रतिशत नुकसान को आशंका है। मुकेश चौधरी नाम के किसान ने बताया कि बड़ी मेहनत कर सर्दियों में अपनी गेंहू की फसल की रखवाली रातों में जागकर की थी अब वहीं फसल जब पकने को तैयार है तो बेमौसम बारिश और ओलों ने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
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किसान की खुशी आंसुओं में बदली
पवन सिंह का कहना है कि उनकी सरसों की फसल मौसम की इस मार से लगभग पूरी तरह ही बर्बाद हो चुकी है। किसान रामजीवन का कहना है कि बारिश के चलते किसान पूरी तरह बर्बाद हो गया है। खेतों में पककर तैयार अपनी फसल को देख अभी तक किसान को बेहद खुशी थी लेकिन अब हुई इस बेमौसम बारिश ने किसान की खुशी आंसुओं में बदल दी है।
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