6 मार्च को आया ई मेल
6 मार्च 2018 को राष्ट्रपति भवन से आए एक मेल ने शिकांतो मंडल के परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और शिकांतो मंडल के परिवार वालों ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति ने हमारे बेटे को अपने साथ खाना खाने के लिए दिल्ली बुलाया है और 5 दिन तक शिकांतो मंडल राष्ट्रपति भवन में रहकर अपने द्वारा बनाई गई कूड़ा उठाने वाली मशीन की डिस्प्ले करेगा। शिकांतो मंडल की मां कल्पना मंडल ने बताया हमने बहुत मुश्किल से अपने बेटे को पढ़ाया है और हम बहुत ही गरीब हैं।
6 मार्च 2018 को राष्ट्रपति भवन से आए एक मेल ने शिकांतो मंडल के परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और शिकांतो मंडल के परिवार वालों ने बताया कि हमें बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति ने हमारे बेटे को अपने साथ खाना खाने के लिए दिल्ली बुलाया है और 5 दिन तक शिकांतो मंडल राष्ट्रपति भवन में रहकर अपने द्वारा बनाई गई कूड़ा उठाने वाली मशीन की डिस्प्ले करेगा। शिकांतो मंडल की मां कल्पना मंडल ने बताया हमने बहुत मुश्किल से अपने बेटे को पढ़ाया है और हम बहुत ही गरीब हैं।
पश्चिम बंगाल का है रहने वाला परिवार
ये परिवार मूलरूप से कोदला गांव जनपद मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और करीब 15 साल पूर्व मथुरा आकर रहने लगे। परिवार में एक पत्नी कल्पना और दो बेटे हैं। परिवार के भरण पोषण के लिए प्रशांतो रिक्शा चलाने और एक फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका छोटा बेटा सिकांतो मंडल ने 10 वीं तक कि पढ़ाई जयगुरुदेव बाल्य बालक विद्यादान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से की और और अब 11 वीं की पढ़ाई केआर इंटर कॉलेज से कर रहा है। सिकांतो मंडल का जन्म 4 अक्टूबर 2003 में पश्चिम बंगाल के कोदला गांव में हुआ था और डेढ़ माह की अवस्था में सिकांतो मंडल के माता पिता उसे लेकर मथुरा आ गए और तब से लेकर अभी तक मथुरा में ही ये लोग किराये के मकान में रह रहे हैं।
ये परिवार मूलरूप से कोदला गांव जनपद मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और करीब 15 साल पूर्व मथुरा आकर रहने लगे। परिवार में एक पत्नी कल्पना और दो बेटे हैं। परिवार के भरण पोषण के लिए प्रशांतो रिक्शा चलाने और एक फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका छोटा बेटा सिकांतो मंडल ने 10 वीं तक कि पढ़ाई जयगुरुदेव बाल्य बालक विद्यादान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से की और और अब 11 वीं की पढ़ाई केआर इंटर कॉलेज से कर रहा है। सिकांतो मंडल का जन्म 4 अक्टूबर 2003 में पश्चिम बंगाल के कोदला गांव में हुआ था और डेढ़ माह की अवस्था में सिकांतो मंडल के माता पिता उसे लेकर मथुरा आ गए और तब से लेकर अभी तक मथुरा में ही ये लोग किराये के मकान में रह रहे हैं।
टीचर की मदद से बनाई मशीन
छात्र सिकांतो मंडल ने अपने आइडिया के बारे में साइंस टीचर मनोज कुमार को बताया। उन्होंने उसकी पूरी मदद की। सिकांतो ने बताया कि टीचर की मदद से उसने मैन्युअल वेस्ट लिफ्टिंग एंड डंपिंग मशीन कूड़ा मशीन बनाई है। इससे मैन्युअल काम कर सकते हैं। इस मशीन से कूड़ा उठाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती बल्कि काम करने में आनंद आता है।
छात्र सिकांतो मंडल ने अपने आइडिया के बारे में साइंस टीचर मनोज कुमार को बताया। उन्होंने उसकी पूरी मदद की। सिकांतो ने बताया कि टीचर की मदद से उसने मैन्युअल वेस्ट लिफ्टिंग एंड डंपिंग मशीन कूड़ा मशीन बनाई है। इससे मैन्युअल काम कर सकते हैं। इस मशीन से कूड़ा उठाने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती बल्कि काम करने में आनंद आता है।
ये रखा मशीन का नाम
सिकंतों मंडल से जब बात की तो उसने मशीन की जानकारी देते हुए बताया एक मशीन बनाई है जिसका नाम है मोबाइल गार्वेज कलेक्टिंग डिवाइस है। इस नाम से पेटेंट हुआ है जो इसको नाम दिया था मैनुअल वेस्ट लिफ्टिंग एंड डंपिंग मशीन कूड़ा उठाने के काम आता है। वह इलेक्ट्रिक से चलती है, लेकिन इससे मैनुअल काम कर सकते हैं। इस मशीन को बनाने में करीब 1 महीने का समय लग गया और इसमें जो खर्चा आया है वह 15 सौ रुपये से 2000 का खर्चा आया है।
सिकंतों मंडल से जब बात की तो उसने मशीन की जानकारी देते हुए बताया एक मशीन बनाई है जिसका नाम है मोबाइल गार्वेज कलेक्टिंग डिवाइस है। इस नाम से पेटेंट हुआ है जो इसको नाम दिया था मैनुअल वेस्ट लिफ्टिंग एंड डंपिंग मशीन कूड़ा उठाने के काम आता है। वह इलेक्ट्रिक से चलती है, लेकिन इससे मैनुअल काम कर सकते हैं। इस मशीन को बनाने में करीब 1 महीने का समय लग गया और इसमें जो खर्चा आया है वह 15 सौ रुपये से 2000 का खर्चा आया है।