ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करवायी गई आवास योजना, पेंशन योजना व उज्ज्वला योजना आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभार्थियों की सूची और राशन कार्डधारकों की सूची में दर्ज नामों को खुद पुकारकर, चौपाल में उपस्थित लोगों से पूछा कि जिन लोगों के नाम वह पुकार रहे हैं, यदि वह लाभ पा चुके हैं तो हाथ उठाकर पुष्टि करें।
पेंशन योजना में अनियमितताओं, राशन कार्ड न बनने और गलत बिजली बिल आने की शिकायतों पर ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को 30 अप्रैल को गांव में कैम्प लगाकर शिकायतें निस्तारित करने के आदेश दिए। लोगों ने आय प्रमाण-पत्र और दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनने में आ रही मुश्किलों की बात भी सामने रखी, तो ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को 30 अप्रैल के कैम्प में इन प्रमाण-पत्रों को बनाने के लिए अलग काउंटर लगाने के भी निर्देश दिए।
पचावर वासियों ने ऊर्जा मंत्री को बताया कि गांव में पेयजल आपूर्ति के लिए 35 साल पहले शुरू हुई पानी की टंकी दो महीने से बंद पड़ी है। इस समस्या के त्वरित समाधान के लिए ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को टंकी के जल्द संचालन के लिए जरूरी मरम्मत कार्य शीघ्र पूर्ण करवाने और गांव में नई टंकी के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।
राशन वितरण में अनियमितताओं की कई शिकायतें मिलने पर ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को राशन की आपूर्ति और राशन कार्डधारकों में बंटने वाले राशन की मात्रा की जांच के आदेश दिए। साथ ही राशन कार्डधारकों की समीक्षा कर अपात्रों के कार्ड निरस्त करने और राशन सुविधा से वंचित पात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने लोगों की सुविधा के लिए राशन वितरण का कार्य महीने में दो बार करवाने के निर्देश भी दिए, ताकि कोई भी कार्डधारक राशन पाने से वंचित न रहे।
इस मौके पर लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योगी सरकार गांव, गरीब और किसान के कल्याण के लिए ईमानदारी से काम कर रही है। विकास के कार्यों के प्रति सरकार की मंशा स्पष्ट है, इसलिए सरकार खुद गांवों में रुककर अपनी योजनाओं के वास्तविक लाभों का आकलन कर रही है। ऐसा करने के पीछे सरकार का एकमात्र उद्देश्य कमियों को चिह्नित कर, उन्हें ठीक करना व योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू करना है, ताकि कोई गरीब विकास के मामले में पीछे न रहे।
इस मौके पर उन्होंने ऊर्जा विभाग के घाटे की भी चर्चा की और कहा कि सरकार 6.74 रु. प्रति यूनिट लागत की बिजली ग्रामीणों को पहले 100 यूनिट तक, मात्र 3 रु. प्रति यूनिट की दर से दे रही है। किसानों को सिंचाई के लिए यही बिजली 1.10 रु. प्रति यूनिट की दर से दी जा रही है। सरकार सब्सिडी के रूप में काफी मदद दे रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं को अपनी खपत के अनुसार समय से बिजली का बिल जमा कर विभाग की मदद करनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपने घरों में मीटर लगवाने की भी अपील की।
रात्रि प्रवास की अगली सुबह ऊर्जा मंत्री ने गांववालों संग की सफाई