गैर सरकारी संस्था कर रही काम बरसाना और आस-पास के लगभग 120 गावों में प्रति वर्ष लगभग 5000 से 6000 लोग मोतियाबिंद के शिकार हो रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में लगभग 25000 से ज्यादा लोगों के मोतियाबिंद से प्रभावित होने का अनुमान हैं। भक्तिवेदांत अस्पताल श्री चैतन्य सेवा ट्रस्ट की योजना है, जो मथुरा में भी लगातार काम कर रही है। बरसाना स्थित राधा-माधव आश्रम तथा बरेली आश्रम में 21 जनवरी से निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। ये शिविर 10 फरवरी तक जारी रहेंगे। इस शिविर में लगभग 120 गावों के लोग आते हैं।
1992 में शुरुआत
1992 में शुरुआत
1992 के दौरान डॉक्टरों का एक समूह बरसाना में घूमने के लिए आया था। उन्होंने देखा कि इस जगह के लोग बहुत गरीब है तथा उन्हें आंख एवं दंत की देखभाल की अत्यधिक आवश्यकता हैं। इसलिए उन्होंने 1992 में पहली बार स्वास्थय शिविर का आयोजन किया। फिर वे प्रतिवर्ष मुंबई से डॉक्टर, नर्स तथा अनेक स्वयंसेवकों को लेकर आते हैं और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते हैं।
25,11,000 से अधिक मरीजों की चिकित्सा 2011 में ‘बरसाना स्वास्थ्य सेवा केंद्र’ की शुरुआत हुई और नियमित आँखों और दांतों की जांच का सलिसलि शुरू हुआ। अब तक लग-भग 25,11,000 से अधिक मरीजों की चिकित्सा की जा चुकी है। 30,000 से ज्यादा लोगों का निःशुल्क मोतियाबिंद का उपचार हुआ है। वार्षिक स्वास्थय शिविर में रोगियों का चयन एवं चिकित्सा, प्री-ऑपरेटिव जांच, मोतिया-बिंद का ऑपरेशन, तीन दिन का मुफ्त खाने पीने एवं रहने का प्रावधान किया जाता है।