यह बोले किसान
सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिल कानून को लेकर जब किसानों से बात की तो किसानों की मिली जुली बातें सुनने को मिली। किसान छोटा हो या बड़ा सभी की फसल का एक ही दाम होना चाहिए जो बिचौलिए होते हैं। फसल बेचने के समय उनको खत्म करना चाहिए ताकि किसान को अपनी फसल का पूरा दाम और सही मिल सके। विजेंद्र कटारा नामक किसान ने कहा कि किसान फसल को काटकर घर लाए उसके बाद मंडी बेचने के लिए ले जाए किसान की दोगुनी मेहनत हो जाती है। अभी तक मंडियों में सरकारी क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं अगर समय पर क्रय केंद्र खोले जाते हैं तो किसान को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और किसान अपनी फसल को वाजिब दाम पर बेचेगा।
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उन्होंने कहा कि क्रय केंद्र ना खुलने का फायदा भी बिचोलिए उठाते हैं और किसान को मजबूरी में आकर अपनी फसल ओने पौने दामों में बेचनी पड़ती है। समय रहते सरकारी क्रय केंद्र खुल जाएं तो किसान एमएसपी के जरिए अपनी फसल को बेचकर अपने परिवार का जीवन यापन कर सकता है। डीजल लगातार महंगा हो रहा है खाद के दाम भी आसमान छू रहे हैं किसान फसल करे और मुनाफा आढ़तिए ले जाएं। एमएसपी बिल को वापस लेना चाहिए सरकार को और एक फसल का दाम सुनिश्चित कर देना चाहिए ताकि किसान को इधर-उधर भटकना ना पड़े।
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वही किसान दिलीप कौशिक ने कहा कि सरकार का गलत पहलू है जो सरकार एमएसपी बिल को लेकर अड़ी हुई है। किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिलना चाहिए। किसान अन्नदाता है। लॉकडाउन के दौरान भी किसानों ने देश के लोगों को अनाज पहुंचाया, सब्जियां पहुंचाईं। हर परिस्थिति में देश की शान को बचाने के लिए किसान तत्पर रहता है। हम लोगों ने लॉकडाउन के चलते लाठियां खाईं पुलिस वालों की फिर भी लोगों के घरों तक सब्जियां पहुंचाएं लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा की। जो भी सब्जी हम लोगों ने लॉकडाउन में लगाई वह फ्री में हम लोगों ने बांटी थी ताकि देश का नागरिक भूखा ना सोये। सरकार डीजल के दाम लगातार बढ़ाती जा रही है। सरकार किसी की भी हो किसान हर वक्त सरकार के साथ खड़े रहते हैं लेकिन किसानों को उनका हक नहीं मिलेगा तो अब किसान चुप नहीं बैठेगा। किसान आत्महत्या नहीं करेगा पहले सब को मारेगा फिर उसके बाद किसान मरेगा। प्रधानमंत्री से भी अपील है कि वह किसानों को समझे और उनके साथ थोड़ी सी सहानुभूति रखें। उन्होंने कहा कि किसान के लिए कुछ ऐसा किया जाए जिससे किसान किसान और जान दोनों ही बचे।
सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि बिल कानून को लेकर जब किसानों से बात की तो किसानों की मिली जुली बातें सुनने को मिली। किसान छोटा हो या बड़ा सभी की फसल का एक ही दाम होना चाहिए जो बिचौलिए होते हैं। फसल बेचने के समय उनको खत्म करना चाहिए ताकि किसान को अपनी फसल का पूरा दाम और सही मिल सके। विजेंद्र कटारा नामक किसान ने कहा कि किसान फसल को काटकर घर लाए उसके बाद मंडी बेचने के लिए ले जाए किसान की दोगुनी मेहनत हो जाती है। अभी तक मंडियों में सरकारी क्रय केंद्र नहीं खोले गए हैं अगर समय पर क्रय केंद्र खोले जाते हैं तो किसान को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा और किसान अपनी फसल को वाजिब दाम पर बेचेगा।
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उन्होंने कहा कि क्रय केंद्र ना खुलने का फायदा भी बिचोलिए उठाते हैं और किसान को मजबूरी में आकर अपनी फसल ओने पौने दामों में बेचनी पड़ती है। समय रहते सरकारी क्रय केंद्र खुल जाएं तो किसान एमएसपी के जरिए अपनी फसल को बेचकर अपने परिवार का जीवन यापन कर सकता है। डीजल लगातार महंगा हो रहा है खाद के दाम भी आसमान छू रहे हैं किसान फसल करे और मुनाफा आढ़तिए ले जाएं। एमएसपी बिल को वापस लेना चाहिए सरकार को और एक फसल का दाम सुनिश्चित कर देना चाहिए ताकि किसान को इधर-उधर भटकना ना पड़े।
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