राजकुमार तौमर ने कहा कि अच्छे भाव मिलने और नकद भुगतान की चाह में हरियाणा की मंडी का रुख कर रहे प्रदेश के किसानों पर हरियाणा शासन ने प्रवेश पर रोक लगा दी है। किसानों के साथ हर साल इस तरह की घटनाएं होती हैं। अगर हमारी मंडियों में ही पूरी सुविधा मिल जाए तो किसान हरियाणा की मंडियों में उपज बेचने के लिए क्यों जाएगा।
किसान नेता बुद्धा सिंह प्रधान का कहना है कि रविवार को भी गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर जा रहे किसानों को कोटवन बॉर्डर पर ही रोक दिया गया। फोर्स की किसानों से झड़पें भी हुईं, लेकिन फोर्स ने गेहूं से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को वापस कर दिया।
किसानों ने बताया कि वे अक्सर अपनी पैदावार की हरियाणा की होडल मंडी में बिक्री करते हैं। आढ़तियों से लेनदेन भी है। वहां फसल की तत्काल बिक्री हो जाती है और भुगतान भी जल्दी हो जाता है। हर वर्ष की तरह इस बार भी उप्र के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गेंहू भरकर हरियाणा ले जा रहे थे। कोटवन-करमन बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने इन्हें रोक लिया। उच्चाधिकारियों के आदेश का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया।
मंडी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था से भी हो रही परेशानी लोकसभा चुनाव के बाद मंडी समिति में रखी ईवीएम और इसके लिए बनाए गए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे के कारण कारोबार प्रभावित हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग दो पर सौंख रोड वाले कट को बंद कर दिया गया है। इसके लिए अधिकारियों के अपने तर्क हैं।
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