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फादर्स डे पर बेटे ने दिया पिता को ये तोहफा, पिता बोले- ऐसा बेटा सबको दे भगवान

locationमथुराPublished: Jun 17, 2018 05:43:53 pm

जय प्रकाश भारद्वाज ने अपनी सारी इच्छाओं को मारकर अपने बेटे की इच्छाओं को पूरा किया और आज उनके बेटे ने फादर्स डे के मौके पर गिफ्ट के तौर पर उन्हें ख़ुशी दी है।

Fathers day 2018

फादर्स डे पर बेटे ने दिया पिता को ये तोहफा, पिता बोले- ऐसा बेटा सबको दे भगवान

मथुरा। बालाजीपुरम में रहने वाले जय प्रकाश भारद्वाज ने अपनी सारी इच्छाओं को मारकर अपने बेटे की इच्छाओं को पूरा किया और आज उनके बेटे ने फादर्स डे के मौके पर गिफ्ट के तौर पर उन्हें ख़ुशी दी है। शशिकांत की कड़ी मेहनत और लगन से उसे देश की बड़ी हेलीकॉप्टर बनाने वाली कम्पनी में प्लेसमेंट मिला है और यहां ट्रेनिंग के बाद उनको स्पाइस जेट कम्पनी में ऑफर मिला है, इस ऑफर से पूरे परिवार में ख़ुशी का माहौल है।
कड़ी मेहनत का मिला फल
हर पिता का सपना होता है उसका बेटा अच्छा पढ़े और उसकी सेवा करे लेकिन मथुरा के बालाजीपुरम के रहने वाले जयप्रकाश भारद्वाज ने अपनी सभी इच्छाओं को परे रखकर कड़ी मेहनत की। मेहनत की कमाई अपने बेटे के नाम कर दी और अपने बेटे को हर वह सुख सुविधा उपलब्ध कराई जैसे उसका बेटा चाहता था। जयप्रकाश के बेटे शशिकांत ने फादर्स डे के मौके पर अपने पिता को एक गिफ्ट दिया है जिसे लेकर उसके पिता अपने गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जयप्रकाश मूल रूप से मथुरा के भालई गांव के रहने वाले हैं और 1998 में जयप्रकाश अपने परिवार को लेकर मथुरा के नेशनल हाईवे 2 स्थित बालाजीपुरम आ गए। यहां उन्होंने किराए पर दुकान ली और अपने परिवार का पालन पोषण करने लगे। समय बीतता गया और ढाई साल बाद किराए की दुकान छोड़ अपनी मेहनत के कमाए हुए रुपए से दुकान खरीदी। 2002 में शशिकांत का एडमिशन सैकेंड क्लास में सीबीएसई स्कूल चंदनवन में कराया। शशिकांत शुरू से ही पढ़ने में तेज था और वह अपनी पढ़ाई के अलावा थोड़ा बहुत टाइम खेल में व्यतीत करता था। कड़ी मेहनत का फल आज मिला है।
पापा किसी वरदान से काम नहीं

शशिकांत से जब बात की तो उन्होंने बताया कि मेरे पापा ने जो मेरे लिए किया है वह किसी वरदान से कम नहीं है। जिन परिस्थितियों में मेरे पापा ने मुझे पढ़ाया और सारी सुविधाएं उपलब्ध कराईं उसके लिए में जितना भी धन्यवाद दूं वह कम है। पापा ने मुझे पढ़ाने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने अपनी परवाह न कर मेरी और परिवार की परवाह की। दिन-रात कड़ी मेहनत कर हमें पढ़ाया। आज मैं जो भी हूं अपने पापा की वजह से हूं जिन्होंने मेरे लिए इतना किया। शशिकांत ने यह भी बताया कि उनका चयन नासा में हुआ, उन्होंने वहां अपनी टीम के साथ मिलकर मून बग्गी बनायी और उनका वह प्रोजेक्ट सफल रहा। आज वह देश की सबसे बड़ी कंपनी परमहंस हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी में काम कर रहे हैं और अपने आप पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।
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