हर पिता का सपना होता है उसका बेटा अच्छा पढ़े और उसकी सेवा करे लेकिन मथुरा के बालाजीपुरम के रहने वाले जयप्रकाश भारद्वाज ने अपनी सभी इच्छाओं को परे रखकर कड़ी मेहनत की। मेहनत की कमाई अपने बेटे के नाम कर दी और अपने बेटे को हर वह सुख सुविधा उपलब्ध कराई जैसे उसका बेटा चाहता था। जयप्रकाश के बेटे शशिकांत ने फादर्स डे के मौके पर अपने पिता को एक गिफ्ट दिया है जिसे लेकर उसके पिता अपने गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जयप्रकाश मूल रूप से मथुरा के भालई गांव के रहने वाले हैं और 1998 में जयप्रकाश अपने परिवार को लेकर मथुरा के नेशनल हाईवे 2 स्थित बालाजीपुरम आ गए। यहां उन्होंने किराए पर दुकान ली और अपने परिवार का पालन पोषण करने लगे। समय बीतता गया और ढाई साल बाद किराए की दुकान छोड़ अपनी मेहनत के कमाए हुए रुपए से दुकान खरीदी। 2002 में शशिकांत का एडमिशन सैकेंड क्लास में सीबीएसई स्कूल चंदनवन में कराया। शशिकांत शुरू से ही पढ़ने में तेज था और वह अपनी पढ़ाई के अलावा थोड़ा बहुत टाइम खेल में व्यतीत करता था। कड़ी मेहनत का फल आज मिला है।