श्री कृष्ण को प्राप्त करने के लिए गोदा जी एक महीने का रखती हैं धनुर्मास व्रत
- चाँदी की पालकी में विराजमान हो कर निज मन्दिर से निकली
- श्री गोदा जी का विवाह उत्सव बहुत ही भव्यता से पाँच दिनों तक जाता है मनाया
- पाँचवे दिन उनका विवाह श्री कृष्ण रूपी भगवान रंगनाथ के साथ होता है
- इस वर्ष विवाह 13 जनवरी को शाम 4 बजे से प्रारम्भ होगा

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मथुरा. दिव्य देश रँगनाथ मन्दिर में चल रहे माँ गोदम्मा जी के विवाहोत्सव के दूसरे दिन उनकी सवारी पूरे विधिविधान से चाँदी की पालकी में विराजमान हो कर निज मन्दिर से निकली। सुगन्धित पुष्पों से बनी माला और आभूषण धारण किये श्री गोदा जी का श्रंगार मनमोहक था उनके दिव्य दर्शन कर श्रद्धालु अभिभूत हो गए। श्री गोदा जी का विवाह उत्सव बहुत ही भव्यता से पाँच दिनों तक मनाया जाता है। पाँचवे दिन उनका विवाह श्री कृष्ण रूपी भगवान रंगनाथ के साथ होता है।
वृन्दावन के रंगनाथ मंदिर में गोदा अम्मा जी का विवाह उत्सव बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है। श्री गोदा जी का विवाह उत्सव बहुत ही भव्यता से पाँच दिनों तक मनाया जाता है। पाँचवे दिन उनका विवाह श्री कृष्ण रूपी भगवान रंगनाथ के साथ होता है। श्री कृष्ण को प्राप्त करने हेतु श्रीगोदा जी एक महीने का धनुर्मास व्रत रखती हैं जिसमें वह अपनी सब सखियों के साथ प्रण करती हैं की वे सब सुबह सुबह स्नान करेंगी, दूध दही, घी का वर्जन करेंगी, वेणी मैं पुष्प नहीं गूथेंगी, काजल नहीं लगाएँगी, दुर्वचन नहीं कहेंगी, अकृत्य नहीं करेंगी। एक माह के अंतिम पाँच दिन प्रति दिन वह श्री वटपत्रशायी भगवान से प्रार्थना करती हैं कि हे मेघश्याम भगवान इस व्रत के फलस्वरूप जो विवाह की कामना मैंने की है उसे पूर्ण करें और उसके लिए मुझे अपना पाँचजन्य शंख , आपकी स्तुति के लिए मंगल वाद्य, वेदपाठी ब्राह्मण , मंगल दीपक और मंडप में बांधने वाला वितान प्रदान करें. भगवान श्री कृष्ण उनकी सारी इच्छाएँ पूर्ण करते हैं और विवाह के मंगल ***** पाँचजन्य शंख , हल्दी, चंदन, पान सुपारी , माला, आभूषण इत्यादि भेंट करते हैं। सब मंगल ***** संसाधनों को लेकर अम्मा जी भगवान की स्तुति करती हुई परिक्रमा करती हैं और मंडप में उन पर हल्दी चढ़ाई जाती है। सुवासित केश तेल , चंदन , फूल इत्यादि के साथ विभिन्न तरह के केश विन्यास सजाए जाते हैं और उनका अभिषेक होता है।
बता दें क पाँचवें दिन उनका विवाह बहुत धूम धाम के साथ माला बदली और वेदिक मंत्रों के साथ अग्नि को साक्षी बनाकर सात फेरे लेकर श्री कृष्ण स्वरूप श्री रंगमन्नार के साथ होता है। इस वर्ष विवाह 13 जनवरी को शाम 4 बजे से प्रारम्भ होगा।
By - Nirmal Rajpoot
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