scriptबैकुंठ एकादशी पर बैकुंठ द्वार से दिए गोदारंगमन्नार ने दर्शन | Godarangamnar appeared on Baikuntha Ekadashi from Baikunth gate | Patrika News

बैकुंठ एकादशी पर बैकुंठ द्वार से दिए गोदारंगमन्नार ने दर्शन

locationमथुराPublished: Dec 25, 2020 11:59:36 am

Submitted by:

arun rawat

– वृन्दावन में रंग नाथ मंदिर में उत्स्व का हुआ आयोजन – बैकुंठ एकादशी के दिन भगवान रंग नाथ ने दिए बैकुंठ द्वार से दर्शन – सैकड़ों की संख्या में दर्शन के लिए पहुँचे भक्त – बैकुंठ द्वार के दर्शन से मिलता है बैकुंठ जाने का फल

वृन्दावन के रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ द्वार से दर्शन देते भगवान रंगनाथ - फ़ोटो - पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क 

वृन्दावन के रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ द्वार से दर्शन देते भगवान रंगनाथ – फ़ोटो – पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क 

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

मथुरा. उत्तर भारत के विशालतम दक्षिण शैली के सबसे बड़े मन्दिर रँगनाथ मन्दिर में शुक्रवार को बैकुंठ एकादशी के अवसर पर बैकुंठ द्वार को खोला गया। ब्रह्म मुहूर्त में भगवान रंगनाथ माता गोदा के साथ निज मन्दिर से पालकी में विराजमान होकर बैकुंठ द्वार पहुँचे। जहाँ स्वामी गोवर्द्धन रंगाचार्य जी के निर्देशन में मन्दिर के सेवायत पुजारियों द्वारा पाठ किया गया।

 

शुक्रवार को वृन्दावन के मन्दिर रँगनाथ मन्दिर में बैकुंठ एकादशी के दिन भक्तों को दर्शन दिए। करीब आधा घण्टे तक हुए पाठ और अर्चना के बाद भगवान रँगनाथ और शठ कोप स्वामी की सवारी मन्दिर प्रांगड़ में भृमण करने के बाद पौंडानाथ मन्दिर जिसे कहा जाता है कि वह बैकुंठ लोक है में विराजमान किया जाता है। जहां भक्त बैकुंठ द्वार से निकलर अपने आराध्य के दर्शन करते हैं। मन्दिर के स्वामी रघुनाथ ने बताया कि 21 दिवसीय बैकुंठ उत्सव में 11 बैकुंठ एकादशी पर्व पर बैकुंठ द्वार खोला जाता है। यह एकादशी वर्ष की सर्वश्रेष्ठ एकादशियों में से एक मानी जाती है। मान्यता है कि बैकुंठ एकादशी पर जो भी भक्त बैकुंठ द्वार से निकलता है उसे बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती हैं।

मन्दिर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनघा श्री निवासन ने बताया कि अलवार आचार्य बैकुंठ उत्सव के दौरान अपनी रचित गाथाएं भगवान को सुनाते हैं। बैकुंठ एकादशी के दिन दक्षिण के सभी वैष्णव मन्दिरों में बैकुंठ द्वार ब्रह्म मुहूर्त में खुलता है। इसी परम्परा का निर्वाहन वृन्दावन स्थित रँगनाथ मन्दिर में किया जाता है।

बैकुंठ उत्सव के दौरान पुरुषोत्तम स्वामी, शास्वत स्वामी , यदुराज स्वामी , रम्या रंगाचार्य, माल्दा गोवर्धन, श्री निवासन , राजू स्वामी , रंगा स्वामी , तिरुपति, आनंद राव , राकेश दुवे, विजय अग्रवाल, जुगल किशोर, चक्रपाणि मिश्रा, आनंद शर्मा, शशांक शर्मा, कन्हिया , पंकज शर्मा, जे पी गौड़, शुभम, अमित आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

By – Nirmal Rajpoot

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