एक महीने पहले बनी गोशाला एक महीने पहले गांव में खेरे वाली मैया मंदिर के महंत द्वारा गोशाला बनवाई गई थी। महंत पूरनदास महाराज ने गांव में गोशाला बनवा कर गोसेवा का संकल्प लिया था। हेमराज के खेत में लकड़ी की बाढ़ लगाकर गोशाला बना दी। आसपास के गांवों से गोशाला में गोवंश इकट्ठा कर लिया। गोवंश के खाने-पीने और देखभाल की कोई उचित व्यवस्था नहीं हो सकी।
गोशाला में अव्यवस्थाओं के चलते हर रोज दो-तीन गोवंश दम तोड़ रहा है। शुक्रवार की रात लकड़ी की बाढ़ में बंद 200 से अधिक गोवंश को छोड़कर गोसेवक भाग खड़े हुए। गोशाला में बंद गोवंश भूख-प्यास और ठंड से तड़प रहा है। गोशाला की दुर्दशा देख देदना व मरहला मुक्खा गांवों के लोग भी दुखी हैं। प्रधान दयाराम ने बताया कि गोशाला में गोवंश भूख से तड़प रहा है। कोई अधिकारी कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं है।