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सरकारी एंबुलेंस के चालक, परिचालकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, जानिए मांगें

locationमथुराPublished: Feb 16, 2020 08:34:34 pm

एंबुलेंस चालक, परिचालकों का कहना है कि हमारी मांगों को नहीं माना जाता तो प्रदेश स्तर पर हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

सरकारी एंबुलेंस के चालक, परिचालकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, जानिए मांगें

सरकारी एंबुलेंस के चालक, परिचालकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान, जानिए मांगें

मथुरा। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के आह्वान पर 27 फरवरी से 102, 108 एंबुलेंस के चालक परिलाक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। एंबुलेंस कर्मचारियों की मांग है कि 2015 से लेकर उनके वेतन में वृद्धि की जाए। एंबुलेंस चालक, परिचालकों का कहना है कि हमारी मांगों को नहीं माना जाता तो प्रदेश स्तर पर हम लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
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19 हजार चालक, परिचालक जाएंगे हड़ताल पर

प्रदेश के अन्य जिलों के साथ-साथ मथुरा में भी एंबुलेंस कर्मचारी अपना मूड़ बना रहे हैं कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह आगामी 27 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। एंबुलेंस चालक अखेन्द्र ने बताया कि हम लोग विगत वर्षों से प्रदाता कंपनी में एंबुलेंस सेवा दे रहे हैं और किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो इन सब बातों को ध्यान में रखते हैं। समय पर मरीज अस्पताल पहुंचाया जाए यह हमारा उद्देश्य और लक्ष्य रहता है लेकिन प्रदाता कंपनी अमानवीय ढंग से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना को दे रही है। कर्मचारियों के द्वारा कई बार कंपनियों के अधिकारियों के साथ वार्ता की गई ,लेकिन कोई भी समाधान अभी तक नहीं निकला है। संबंधित अधिकारियों को भी अवगत कराया है लेकिन अभी तक किसी भी अधिकारी ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि 19 हजार प्रदेश के एंबुलेंस चालक और परिचालक हड़ताल पर जाएंगे।
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हड़ताल पर गए चालक और परिचालक तो होगी भारी दिक्कत

बता दें कि अगर एंबुलेंस चालक और परिचालक हड़ताल पर जाते हैं तो प्रदेश में हाहाकार मच जाएगा। इमरजेंसी सेवाओं पर असर पड़ेगा।
ये हैं प्रमुख समस्याएं

1. एंबुलेंस कर्मचारी संघ व सेवा प्रदाता कंपनी के मध्य अपर श्रमायुक्त के समक्ष हुए समझौते को न मानते हुए ओवरटाइम तथा वेतन का भुगतान न करना आदि।

2. पीएफ का पैसा पिछले 6 महीने से कंपनी जमा नहीं कर रही है। पीएफ की जांच कराने की मांग।
3. सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा भर्ती के नाम पर चालकों से 25 हजार रुपए और मेडिकल टेक्नीशियन से 50 हजार रुपए की डीडी वसूल करना।

4. बढ़ी हुई सैलरी अपर श्रमायुक्त के समझौते के अनुसार न देना। 5 से लेकर 8 केसों का टारगेट देते हुए फर्जी केस का दबाव बनाना। समझौते की अवहेलना करना।
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